नई दिल्ली – पंजाब में आम आदमी पार्टी (आप) की सरकार के साथ जारी टकराव के बीच राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने तीन मार्च को विधानसभा का बजट सत्र बुलाया है। राज्यपाल के वकील ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय को यह जानकारी दी। शीर्ष अदालत तीन मार्च को बजट सत्र बुलाने को लेकर राज्यपाल के कथित ‘इनकार’ के खिलाफ राज्य सरकार की याचिका पर सुनवाई कर रही थी। न्यायालय ने कहा कि पंजाब सरकार राज्यपाल द्वारा मांगी गई जानकारी प्रदान करने के लिए बाध्य है और इसी तरह राज्यपाल विधानसभा सत्र बुलाने के संबंध में कैबिनेट की सिफारिशों को स्वीकार करने के लिए कर्तव्यबद्ध हैं।
राज्यपाल की तरफ से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने प्रधान न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ से कहा कि विधानसभा सत्र बुलाने के राज्यपाल के फैसले को देखते हुए पंजाब सरकार द्वारा दायर याचिका कोई मायने नहीं रखती है। पीठ में न्यायमूर्ति पी एस नरसिम्हा भी शामिल थे। मेहता ने कहा, “हो सकता है कि समस्या खत्म हो जाए। माननीय राज्यपाल ने यह पत्र प्रेषित किया है।” पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित और मुख्यमंत्री भगवंत मान के बीच विवाद पिछले हफ्ते और गहरा गया था, जब पुरोहित ने संकेत दिया था कि उन्हें विधानसभा का बजट सत्र बुलाने की कोई जल्दी नहीं है।
राज्यपाल ने मुख्यमंत्री को राजभवन के एक पत्र पर दी गई उनकी ‘अपमानजनक’ प्रतिक्रिया के बारे में भी याद दिलाया था। राज्यपाल ने 13 फरवरी को लिखे उस पत्र में मान से सिंगापुर में हाल ही में आयोजित एक प्रशिक्षण संगोष्ठी के लिए सरकारी स्कूलों के 36 प्रधानाध्यापकों के चयन की प्रक्रिया की व्याख्या करने के लिए कहा था। उन्होंने पत्र में कई अन्य मुद्दे भी उठाए थे। पंजाब मंत्रिमंडल ने तीन मार्च को विधानसभा सत्र आयोजित करने का फैसला किया था और राज्यपाल से सदन की बैठक बुलाने का अनुरोध किया था।