सफदरजंग अस्पताल में नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉक्टर हिमांशु वर्मा ने बताया कि लंबे समय से महिला का उपचार चल रहा था। समस्या को बढ़ता देख किडनी ट्रांसप्लांट करने का फैसला लिया गया। ऐसे में महिला के पति किडनी देने के लिए आगे आए।
नई दिल्ली – करवा चौथ से पहले पति ने किडनी देकर पत्नी की जान बचाई। महिला बीते करीब 22 साल से किडनी की समस्या से पीड़ित थी। करीब तीन माह पहले स्थिति और खराब होने लगी। डायलिसिस के बाद भी क्रेट 9 बढ़ ही रहा था। इसके बाद परिवार ने किडनी ट्रांसप्लांट का फैसला लिया। पति संजय कुमार ने पत्नी मंजू को किडनी दी।
सफदरजंग अस्पताल में नेफ्रोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉक्टर हिमांशु वर्मा ने बताया कि लंबे समय से महिला का उपचार चल रहा था। समस्या को बढ़ता देख किडनी ट्रांसप्लांट करने का फैसला लिया गया। ऐसे में महिला के पति किडनी देने के लिए आगे आए और कुछ दिनों पहले ही महिला की किडनी ट्रांसप्लांट की गई है। महिला अभी स्वस्थ है और उसे छुट्टी दे दी गई है।
अंग प्रत्यारोपण करवाने में पुरुष आगे
अंग प्रत्यारोपण करवाने की बात करें तो महिलाओं के मुकाबले पुरुष आगे रहते हैं। राष्ट्रीय अंग और ऊतक प्रत्यारोपण संगठन (नोटो) के अनुसार दिल्ली में साल 2015 से अब तक हुए ट्रांसप्लांट में करीब 24 फीसदी अंग ही महिलाओं में ट्रांसप्लांट हुए, जबकि 70 फीसदी से अधिक पुरुषों में ट्रांसप्लांट हुए। नोटा के डाटा के अनुसार साल 2015 से अब तक 21471 अंगों का प्रत्यारोपण हुआ है।
हालांकि, इसमें कोविड के कारण साल 2020 से अभी तक का डाटा उपलब्ध नहीं है। नोटा के डाटा के अनुसार पुरुषों को 17382 दान में मिले जबकि महिलाओं को 4089 अंग ही मिले। इसमें किडनी, हार्ट और लिवर शामिल हैं।