जालंधर – एक तरफ अस्पतालों में तैनात कर्मचारी सरकार के दावों की पोल खोलते नजर आ रहे हैं। दूसरी ओर पंजाब सरकार मोहल्ला क्लीनिक खोलकर लोगों को उनके घरों में ही स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने का दावा कर रही हैजालंधर के सिविल अस्पताल के गेट पर गत रात गर्भवती महिला ने गर्भावस्था के छठे महीने में बच्चे को जन्म दिया। महिला के बहनोई गौतम कुमार ने बताया कि उसने अस्पताल के कर्मचारियों को इस समस्या के बारे में बताया कि गर्भावस्था के छठे महीने में दर्द हो रहा है लेकिन डॉक्टरों से लेकर स्टाफ तक किसी ने ध्यान नहीं दिया।
सब यही कहते रहे कि उनका इलाज अभी शुरू करते हैं। एक-डेढ़ घंटे बाद साढ़े सात बजे के बाद स्टाफ ने कागजी औपचारिकताएं शुरू कीं। इसके बाद जब दर्द असहनीय हो गया तो उन्होंने फिर से स्टाफ से गुहार लगाई, लेकिन रात के 10 बज चुके थे और स्टाफ की नई शिफ्ट आ गई।नाइट शिफ्ट में स्टाफ का रवैया पहले से ही इतना खराब था कि उनका व्यवहार देखकर महिला को लेकर सिविल अस्पताल पहुंचे परिजन और परेशान हो गए। रात का स्टाफ खाना खाने में व्यस्त था। उन्होंने चेकअप करने के बजाय महिला को सैर करने के लिए ले जाने की बात कही।
परिजनों का कहना है कि अस्पताल के बाहर जैसे ही महिला को स्ट्रेचर से उतारा गया, उसकी डिलीवरी हो गई। अस्पताल के बाहर महिलाओं ने पर्दा कर महिला की डिलीवरी की।