मृतक बाबूलाल यादव ने अपने पास ऐसा पत्थर होने का दावा किया था, जो किसी भी पत्थर को सोने में बदल सकता है और जमीन में गड़े सोने का पता लगा सकता है।
रायपुर – छत्तीसगढ़ के जांजगीर-चांपा जिले में 70 साल के एक बुजुर्ग की कथित ‘पारस’ पत्थर के चक्कर में हत्या कर दी गई। आरोपियों ने बुजुर्ग से पत्थर को सोना बनाने वाले इस जादूई पत्थर की मांग की थी, जब उसने नहीं दिया तो उसे जंगल में ले जाकर मार डाला था।
जांजगीर-चांपा पुलिस ने हत्या का राजफाश कर आरोपियों को दबोच लिया है। पुलिस अधीक्षक विजय अग्रवाल के अनुसार मृतक बाबूलाल यादव ने अपने पास ऐसा पत्थर होने का दावा किया था, जो किसी भी पत्थर को सोने में बदल सकता है और जमीन में गड़े सोने का पता लगा सकता है। जब यह जानकारी अन्य लोगों को लगी तो उन्होंने उससे वह पत्थर लेने के लिए साजिश रची।
एसपी अग्रवाल ने बताा कि 8 जुलाई को एक महिला समेत 10 लोग बुजुर्ग बाबूलाल को उसके घर से पास के जंगल में ले गए। वहां उसे रस्सी से बांध दिया गया और उससे जादूई पत्थर के बारे में पूछा, लेकिन उसने पत्थर के बारे में कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। इस पर पांच आरोपी पत्थर को ढूंढने के लिए उसके घर गए। पत्थर पाने के लिए आरोपियों ने बाबूलाल के घर का एक कमरा भी खोद दिया। जब वह पत्थर नहीं मिला तो आरोपियों ने यादव की पत्नी को भी पीटा और गहने और नकदी लूट लिए। इसके बाद आरोपियों ने फिर जंगल में जाकर बाबूला यादव को पीटा, जिससे उसकी मौत हो गई। फिर उसका शव जंगल में दफना दिया।
पुलिस ने हत्या के मामले में दो आरोपियों टेकचंद्र जायसवाल और राजेश हरवंश को रविवार को हिरासत में लिया। पहले उन्होंने पुलिस को गुमराह किया लेकिन सोमवार को अन्य आरोपियों के साथ यादव की हत्या करने की बात कबूल कर ली।
पुलिस ने इसके बाद बाकी 8 आरोपियों को भी दबोच लिया। शव को जमीन से निकालकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है। आरोपियों ने स्वीकार किया है कि वे जादूई पत्थर हासिल करना चाहते थे, इसलिए बाबूलाल यादव को मार डाला। पुलिस ने यादव की पत्नी से लूटे गए जेवर व नकदी भी बरामद कर ली है। मामले में आगे जांच जारी है। au