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‘पूरे लद्दाख को पता है…’, चीन की ओर से नया नक्शा जारी करने के विवाद पर बोले राहुल गांधी

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राहुल गांधी ने कहा कि मैं लद्दाख से हाल ही में वापस आया हूं। वहां सब जानते हैं कि चीन ने हमारी जमीन हड़प ली है। प्रधानमंत्री को इसके बारे में कुछ कहना चाहिए

नई दिल्ली – चीन द्वारा हालिया जारी किए गए अपने आधिकारिक नक्शे में अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चिन को अपना हिस्सा दिखाए जाने पर भारत में नाराजगी है। इस मामले को लेकर अब कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मोदी सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि मैंने तो पहले ही बोला था की प्रधानमंत्री झूठ बोल रहे हैं कि लद्दाख में एक इंच जमीन भी नहीं गई है।

मैं सालों से कह रहा हूं…

कांग्रेस सांसद राहुल गांधी बुधवार को कर्नाटक जाने के लिए हवाईअड्डे पर पहुंचे थे। इस दौरान पत्रकारों से उन्होंने कहा कि मैं सालों से कह रहा हूं कि प्रधानमंत्री जो कह रहे हैं कि लद्दाख में एक इंच जमीन भी नहीं गई है। यह सरासर झूठ है। 

चीन ने हमारी जमीन हड़पी

उन्होंने आगे कहा कि मैं लद्दाख से हाल ही में वापस आया हूं। वहां सब जानते हैं कि चीन ने हमारी जमीन हड़प ली है। राहुल ने आगे कहा कि नक्शे का मुद्दा गंभीर है। उन्होंने जमीन तो ले ही ली है। प्रधानमंत्री को इसके बारे में कुछ कहना चाहिए।
यह है मामला

चीन ने हाल ही में अपने मानक मानिचत्र का नया संस्करण जारी किया है। चीन द्वारा मानचित्र जारी करते ही विवाद खड़ा हो गया। दरअसल, चीन ने भारत के अरुणाचल प्रदेश, अक्साई चीन, ताइवान और दक्षिण चीन सागर को अपने क्षेत्र में दिखाया। इसके बाद भारत ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है और हमेशा रहेगा।

चीनी अखबार ने बताया था कि चीन ने सोमवार को 2023 का नया मानचित्र जारी किया है। यह नक्शा चीन और दुनिया के विभिन्न देशों की राष्ट्रीय सीमाओं की ड्राइंग पद्धति के आधार पर संकलित किया गया है। मानचित्र में अरुणाचल प्रदेश और अक्साई चीन को भी अपने क्षेत्र में दर्शाया है। बता दें, चीन अरुणाचल प्रदेश को दक्षिणी तिब्बत का हिस्सा मानता है। हालांकि, भारत ने चीन के इस मानचित्र को खारिज किया है। भारत का कहना है कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और भविष्य में भी यह भारत का ही अविभाज्य हिस्सा रहेगा।

वहीं, चीन ताइवान को भी अपने क्षेत्र का हिस्सा मानता है। चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग का उद्देश्य है कि वे ताइवान का एकीकरण करें। इसके लिए चीन वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और दक्षिण चीन सागर पर भी अपना दावा करता है।au