नई दिल्ली – रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सदस्य देशों से आतंकवाद खत्म करने और आतंकी गतिविधियों की मदद करने तथा उन्हें धन उपलब्ध कराने वालों की जिम्मेदारी तय करने की दिशा में मिल कर काम करने का आह्वान किया है।
राजनाथ सिंह ने राष्ट्रीय राजधानी में शुक्रवार को एससीओ सदस्य देशों के रक्षा मंत्रियों की बैठक की अध्यक्षता करते हुए इस बात पर जोर दिया कि आतंकी गतिविधियां या आतंकी गतिविधियों को सहयोग देना मानवता के खिलाफ अपराध है और इस खतरे के साथ शांति स्थापित नहीं हो सकती।
उन्होंने युवाओं के कट्टरपंथी होने पर चिंता व्यक्त की और इसे समाज की सामाजिक आर्थिक प्रगति के रास्ते पर बाधा और प्रमुख सुरक्षा चुनौती बताया। विचार विमर्श के अंत में सभी सदस्य देशों ने समझौते पर हस्ताक्षर किए और इस क्षेत्र को सुरक्षित, शांतिपूर्ण और समृद्ध बनाने की सामूहिक इच्छा व्यक्त की।
एससीओ सदस्य देशों की बैठक के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए, रक्षा सचिव गिरिधर अरमाने ने कहा कि सभी सदस्य देशों के बीच आतंकवाद से निबटने, कमजोर देशों की सुरक्षा के साथ-साथ मानवीय सहायता और आपदा राहत सहित सहयोग के कई क्षेत्रों पर आम सहमति हुई।
गिरिधर अरमाने ने कहा कि सभी सदस्य देश इस बात पर सहमत थे कि आतंकवाद और इसके सभी रूपों की निंदा की जानी चाहिए और इसका सफाया किया जाना चाहिए। भारत की अध्यक्षा में आहूत इस बैठक में चीन, रूस, ईरान, बेलारूस, कजाखस्तान, उज्बेकिस्तान, किर्गिस्तान और तजिकिस्तान के रक्षा मंत्रियों ने भाग लिया।