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 ‘हमारी चप्पल उठाने की औकात नहीं रखते…’, एक बार फिर बरसे बीजेपी सांसद वरुण गांधी

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बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने कहा जब चुनाव आता है तो जाति धर्म की भावनाओं में बह कर वोट दे देते हैं. आपके जेब पर डाका डाल रहे हैं आप सबको पूरे इलाके में दो तीन मंजिल मकान का आवास मिला है.

पीलीभीत – दो दिवसीय दौरे पर अपने संसदीय क्षेत्र पीलीभीत पहुंचे बीजेपी सांसद वरुण गांधी ने दूसरे दिन जन संवाद कार्यक्रम के दौरान अपनी सरकार में हो रहे भ्रष्टाचार के खिलाफ जमकर हमला बोला. उन्होंने जनता को आज भी नेताओं और अफसरों का गुलाम बताते हुए सरकारी सिस्टम पर सवाल खड़े किए. यही नहीं उन्होंने भाजपा के स्थानीय मंत्री नेता पर भी इशारों इशारों में जमकर हमला बोला. वरुण गांधी ने भाजपा के स्थानीय नेता पर हमला बोलते हुए कहा कि मैं वैसा नेता नहीं हूं जो चुनाव जीतने के बाद बड़ी बड़ी गाड़ियों के काफिलों के साथ चलते हैं, ये सब गाड़ियों की कीमत आपके बच्चों के सपने हैं. 

वरुण गांधी ने कहा कि आज जब आप थाने पर या पेंशन और आवास के लिए जाते हैं तो आपको लाभ लेने के लिए रिश्वत देनी पड़ती है. ये सब एक गुलामी से कम नहीं है. जब चुनाव आता है तो जाति धर्म की भावनाओं में बह कर वोट दे देते हैं. वे आपके जेब पर डाका डाल रहे हैं. आप सबको पूरे इलाके में दो तीन मंजिल मकान का आवास मिला है, बाकी जरूरतमंदों को अब तक नहीं मिला है. सरकार में बैठे अफसरों की नाक के नीचे बिना लक्ष्मी दर्शन के काम नहीं होता है. मैं किसान आंदोलन में बोला था, उस समय कोई नहीं बोला था. तब नेता टिकट के लालच और कमाई के चक्कर में अपने घरों में छिप कर बैठ गए थे.

हमारी चप्पल उठाने की औकात नहीं रखते थे-वरुण गांधी 
वरुण गांधी ने कहा कि, हम पीलीभीत में लगभग 35 सालों से राजनीति कर रहे हैं. मेरी मां देश की सबसे वरिष्ठ सांसद हैं. मैं तीन बार से सासंद हूं. क्या मैनें कहीं कालोनी काटी, क्या हमारा कोई घर या  बड़ा मकान है, कोई और होता तो महल बना लेता. जो हमारी चप्पल उठाने की औकात नहीं रखते थे आजकल पांच पांच गाड़ियों के काफिले में चलते हैं. ये सब नेता एक समय में हमारे सामने रोकर गिड़गिड़ाते थे कि भईया हमें आगे बढ़ा दो, मौका दे दो और नेता बना दो. हमारे सामने बोलने की औकात नहीं थी.

आज एक समाज को डराया जा रहा-वरुण गांधी 
वरुण गांधी ने कहा कि, देश तभी मजबूत होगा जब हिन्दू मुस्लिम की राजनीति बंद होगी, हिंदू मुसलमान मजबूत होगा. मैं एक हिंदू हूं, मैं वो आदमी नहीं हूं कि वोट के लिए टोपी पहने और मजार पर जाए, लेकिन मैं इस बात को डंके की चोट पर कह रहा हूं कि आज एक समाज को डराया जा रहा है. देश के लिए ये ठीक नहीं है. कोई क्रिमिनल अतीक अहमद की बात नहीं है. मैं आम आदमी समाज की बात कर रहा हूं. ये सब तभी संभव होगा जब जनता के बच्चों को बेहतर शिक्षा और रोजगार के असवर मिलेंगे, तभी देश का उत्थान होगा. मैं जब भी चुनाव लड़ा तो न मैनें शराब बांटी न पैसे खर्च किए. मेरे लोगों ने किसी से लूट खसोट और बदले की राजनीति नहीं की.