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धीरे-धीरे पैर पसार रहा XBB 1.16 वैरिएंट, स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कोरोना का ये नया रूप कितना है घातक

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कोरोना वायरस के एक्टिव केस देशभर में इन दिनो लगातार बढ़ रहे हैं। इसी बीच केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने 3 अप्रैल को कहा कि देश भर में अस्पताल में भर्ती होने की दर बहुत कम है।

मंत्रालय के शीर्ष अधिकारी ने कहा, “हमें सतर्क रहने की जरूरत है, लेकिन चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है। वर्तमान में XBB 1.16, देश में घूम रहे ओमिक्रॉन के सबवैरिएंट ने अस्पताल में भर्ती होने में बढ़ोतरी नहीं की है।” अधिकारी ने कहा कि वर्तमान उछाल को देश में XBB 1.16 वैरिएंट के प्रसार के लिए जिम्मेदार ठहराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिकों ने स्ट्रेन को अलग कर लिया है। उन्होंने कहा, “पुणे में नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी के वैज्ञानिकों ने वैरिएंट के स्ट्रेन को अलग कर लिया है और रिसर्च की जा रही है।” NIV पुणे के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रज्ञा यादव ने Moneycontrol से पुष्टि की कि XBB 1.16 वैरिएंट के आकलन करने के लिए संस्थान की तरफ से अलग-अलग स्टडी की जा रही हैं। यादव ने कहा, “हमें किनारा मिल गया है। पैथोजेनिसिटी और गंभीरता को समझने के लिए स्टडी चल रही हैं।” 

बढ़ रहा है Covid-19

 स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, भारत में आज 6 प्रतिशत से ज्यादा पॉजिविटी रेट दर्ज किया गया है। देश ने पिछले कुछ हफ्तों में Covid-19 मामलों की पहचान में बढ़ोतरी देखी है। स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों से पता चलता है कि पिछले 24 घंटों में Covid-19 के 3,641 नए केस सामने आए और 11 मौत हुईं। इसी के साथ ही देश भर में 20,219 एक्टिव केस हो गए हैं। XBB.1.16, Omicron की लेटेस्ट सब-लाइनेज है। भारत में फरवरी से XBB के ही मामले आ रहे हैं। इससे पहले अक्टूबर 2022 में BA.2.75 वैरिएंट सबसे चरम पर था।

आईएमए के नेशनल टास्क फोर्स के सह-अध्यक्ष राजीव जयदेवन ने बताया, “तीन ओमिक्रॉन वैरिएंट को ध्यान में रखते हुए, ये ध्यान रखना जरूरी है कि केवल XBB.1.16 ने देश भर में और दूसरे जगहों पर संक्रमण में काफी बढ़ोतरी की है। इसका मतलब है कि ये अपने पुराने वैरिएंट की तुलना में ज्यादा सफल संक्रामक है।”जयदेवन ने कहा कि सबवैरिएंट ने भारत में Covid-19 परिदृश्य को साफ तौर से बदल दिया है। उन्होंने कहा, “अस्पताल में भर्ती होने की संख्या में शुरुआती बढ़ोतरी हुई है, जो आमतौर पर समुदाय में मामलों की बड़ी संख्या के रेश्यो में होती है। सही बात ये है कि जब मामले धीरे-धीरे बढ़ रहे हों, तो जल्दी और सही तरीके से कार्रवाई की जाए, न कि बड़े पैमाने पर और अक्सर बिना किसी मतलब की इलाज की कोशिशें की जाएं, जब अस्पताल चरमरा जाएं।” 

XBB 1.16 को लेकर चल रही स्टडी 

संक्रामक रोग विशेषज्ञों के अनुसार, XBB 1.16 सबवेरिएंट Covid-19 का काफी ज्यादा संक्रामक रूप है। म्यूटेशन, जो पहली बार जनवरी में दो पॉजिटिव सैंपल में पाया गया था, अब भारत में 60 प्रतिशत से ज्यादा पॉजिटिव सैंपलों में पाया जा रहा है। राष्ट्रीय रोग नियंत्रण केंद्र के अधिकारियों ने कहा कि वर्तमान में XBB1.16 की गंभीरता पर डेटा की स्टडी की जा रही है। उन्होंने कहा, “महाराष्ट्र में, पुणे से 93 प्रतिशत Covid-19 सैंपल में XBB 1.16 सबवेरिएंट का पता लगाया जा रहा है। नागपुर के 75 प्रतिशत से ज्यादा Covid-19 सैंपल में बहुत ज्यादा संक्रामक सबवैरिएंट भी पाया गया।” अधिकारी ने कहा कि गुजरात के 60 प्रतिशत से ज्यादा सैंपल में भी XBB1.16 सबवैरिएंट था। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने कहा कि नया XBB 1.16 वैरिएंट “वन टू वॉच” है। WHO की COVID-19 टेक्निकल लीड मारिया वान केरखोव ने कहा है कि वेरिएंट पर करीबी निगरानी की जरूरत है।