नई दिल्ली: कोरोना ने फिर चिंता बढ़ा दी है। नोएडा में ओमिक्रॉन के तीन नए वैरिएंट मिले हैं। इनमें XBB.2.3, XBB.1 और XBB.1.5 शामिल हैं। यह अच्छी स्थिति नहीं है। नोएडा नए कोरोना केस का सेंटर बन रहा है। 24 घंटे में यहां कोरोना के 9 नए केस सामने आए हैं। सक्रिय मामलों की संख्या बढ़कर 133 हो गई है। इनमें से ज्यादा मरीज एसिम्टोमैटिक हैं। यानी लक्षण कम या दिखाई ही नहीं दे रहे हैं। 8 मरीजों को अस्पताल में भर्ती कराया गया है। बाकी का इलाज होम आइसोलेशन में किया जा रहा है। जीनोम सीक्वेंसिंग रिपोर्ट में मरीजों में XBB.2.3, XBB.1 और XBB.1.5 वैरिएंट मिले हैं। XBB वैरिएंट BA.2.75 और BA.2.10.1 का रीकॉम्बिनेंट स्ट्रेन है। यह कितना खतरनाक है और इसके क्या लक्षण हैं, आइए यहां जानते हैं।
ओमिक्रॉन का XBB वैरिएंट काफी इंफेक्शियस माना जाता है। यह कोरोना के मामलों को तेजी से बढ़ाने के लिए जिम्मेदार होता है। पिछले साल भी इस वैरिएंट के सब-वैरिएंट मिले थे। महाराष्ट्र और केरल जैसे राज्यों में इनकी मौजूदगी मिली थी। सिंगापुर में भी इस वैरिएंट के कारण मामले तेजी से बढ़े थे। ओमिक्रॉन शरीर की इम्यूनिटी को चकमा देने के लिए जाना जाता है। यह अत्याधिक संक्रामक भी होता है। अब नोएडा में एक्सबीबी वैरिएंट मिला है।
क्या हैं लक्षण?
ओमिक्रॉन XBB के जो तीन नए वैरिएंट मिले हैं, उनके लक्षण पुराने वैरिएंट जैसे ही हैं। इनमें नाक बहना, गले में खराश, बुखार, सिर दर्द, शरीर में दर्द थकान, खांसी इत्यादि शामिल हैं। अभी एक चीज कॉमन देखी जा रही है। काफी मामलों में लक्षण प्रकट नहीं होते हैं। यानी मरीज एसिम्टोमैटिक होते हैं। एक्सपटर्स के मुताबिक, को-मॉर्बिडिटीज वाली आबादी को नए सब-वैरिएंट से ज्यादा रिस्क है।
किस तरह की बरतें सावधानी
यह उतार-चढ़ाव का मौसम है। ऐसे मौसम में लोग वैसे भी वायरल इंफेक्शन के कारण सर्दी-जुकाम और बुखार की चपेट में आ जाते हैं। नए वैरिएंट से होने वाले लक्षण भी इनसे मिलते-जुलते ही हैं। लिहाजा, लक्षण दिखाई देने पर गंभीरता से डॉक्टरी परामर्श लें। कोविड एप्रोप्रिएट बिहेवियर रखें। सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करें। मास्क पहनकर रखें। हैंड सैनिटाइजर का प्रयोग करते रहें।
XBB.1.16 ने मचा रखा है हाहाकार
वहीं, ओमिक्रॉन के एक और XBB सब-वैरिएंट XBB.1.16 ने महाराष्ट्र में हाहाकार मचाया हुआ है। ये सारे सब-वैरिएंट म्यूटेशन के कारण बन रहे हैं। XBB.1.16 का ट्रांसमिशन रेट काफी ज्यादा है। ओमिक्रॉन का यह म्यूटेंट स्ट्रेन हाइब्रिड इम्यूनिटी को मात दे सकता है। चिंता की बात यह है कि वैक्सीनेशन वाली इम्यूनिटी भी इसका इंफेक्शन नहीं रोक पाती है। इसे लेकर विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भी आगाह किया है।