नई दिल्ली – दिल्ली आबकारी घोटाला मामले में प्रमुख आरोपी मनीष सिसोदिया ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। सिसोदिया का इस्तीफा सुप्रीम कोर्ट से मिले झटके के बाद आया है। सुप्रीम कोर्ट ने मनीष सिसोदिया की उस याचिका में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया जिसमें गिरफ्तारी और सीबीआई के जांच के तरीके पर सवाल उठाया गया था। मनीष सिसोदिया ने सीएम को लिखे अपने लेटर में अपने 8 साल के कार्यकाल, पिता से मिले सबक से लेकर भगवान कृष्ण की तस्वीर का जिक्र किया।
स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन का भी इस्तीफा
मनीष सिसोदिया के साथ ही 9 महीने से मनीलॉन्ड्रिंग मामले में जेल में बंद स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जैन ने भी इस्तीफा दे दिया है। सत्येंद्र जैन के इस्तीफा भी सीएम अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। एक साथ दो मंत्रियों के इस्तीफे के बाद से सीएम केजरीवाल की मुश्किलें बढ़ना तय माना जा रहा है। हालांकि, राजनीति के जानकार इसे भी सीएम केजरीवाल का दांव मान रहे हैं। सूत्रों के हवाले से खबर है कि दिल्ली सरकार में फिलहाल कोई नया मंत्री नहीं बनेगा। दोनों मंत्रियों के विभागों की जिम्मेदारी मौजूदा मंत्री कैलाश गहलोत और राजकुमार आनंद को दी जा सकती है।
सुप्रीम कोर्ट से सिसोदिया को लगा था झटका
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सिसोदिया की उस याचिका पर हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया था जिसमें उन्होंने अपनी गिरफ्तारी और सीबीआई के जांच के तरीके पर सवाल उठाए थे। सुप्रीम कोर्ट ने साफ कहा कि आप इस मामले में हाईकोर्ट जाएं। शीर्ष अदालत ने कहा था कि हम गलत परंपरा की शुरुआत नहीं करेंगे। शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि दिल्ली में सुप्रीम कोर्ट है तो इसका मतलब यह नहीं है कि आप सीधे यहीं आ जाएं। सीजेआई की बेंच ने कहा कि यदि आपको अपने खिलाफ एफआईआर रद्द करवानी है तो आप हाईकोर्ट जा सकते हैं।
5 दिन की सीबीआई हिरासत में भेजा था
शराब घोटाला मामले में सोमवार को दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने सिसोदिया को 5 दिन की सीबीआई रिमांड में भेज दिया था। स्पेशल जज एम.के. नागपाल ने सिसोदिया को 4 मार्च तक हिरासत में भेजने का फैसला सुनाया था। इससे पहले रविवार को 8 घंटे की पूछताछ के बाद सीबीआई ने सिसोदिया को अरेस्ट कर लिया था। सीबीआई की ओर से पेश स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर पंकज गुप्ता की दलील थी कि जांच में सामने आया है कि सिसोदिया ने मौखिक रूप से सचिव को पॉलिसी में चेंज करने के लिए नया कैबिनेट नोट डालने का निर्देश दिया था। वह एक्साइज पॉलिसी के लिए कैबिनेट की तरफ से गठित मंत्रियों के समूह को लीड कर रहे थे। पॉलिसी में प्रॉफिट मार्जिन को 5 से बढ़ाकर 12% कर दिया गया था। सिसोदिया यह नहीं बता सके कि बदलाव क्यों किए गए।