झांसी – यूपी के झांसी में पारीछा थर्मल पावर प्लांट (पीटीपीपी) में कोयले की छंटाई के बीच एक 2 किलोग्राम का हीरे जैसा चमकीला पत्थर मिला। इसे पाने की होड़ में पहले वहां मौजदू मजदूर आपस में ही भिड़ गए। इसके बाद बवाल बढ़ने पर कंपनी से जुड़े इंजीनियर और अधिकारियों ने जांच के नाम पर उस हीरे जैसे पत्थर को अपने कब्जे में ले लिया। बाद में पता चला कि कंपनी के उन अधिकारियों की नियत बदल गई और पत्थर को लेकर फरार हो गए। झांसी से लगभग 25 किमी दूर बेतवा नदी के तट पर स्थित इस संयंत्र का स्वामित्व और संचालन उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उत्पादन निगम करता है, जो एक राज्य उद्यम है।
प्लांट के मुख्य महाप्रबंधक मनोज सचान ने कहा कि भारत सरकार की एक आउटसोर्स कंपनी क्वालिटी काउंसिल ऑफ इंडिया (QCI) के कर्मचारियों को प्लांट के अंदर भेजे जा रहे कोयले की गुणवत्ता की जांच करने में लगे हुए थे। सोमवार को झारखंड से ताजा आए कोयले के रेक के वैगन से मजदूरों को 2 किलोग्राम का कांच जैसे चमकीला पत्थर मिला। इसके बाद मजदूरों ने उसे तोड़ दिया और टुकड़ों को लेकर भाग गए। इस दौरान हुए विवाद को किसी ने वीडियो बनाकर साइट इंचार्ज को सूचना दे दी। सूचना मिलने पर साइट इंचार्ज मौके पर पहुंचे और किसी प्रकार का विवाद न हो इसके लिए भाकी बचा टुकड़ा अपने साथ अपने घर ले गए।
सरी तरफ शाम को थर्मल प्लांट के एक कार्यकारी अभियंता भूपेंद्र सिंह क्यूसीआई में ही काम करने वाले अमित सिंह समेत अन्य के साथ साइट इंचार्ज के घर पर पहुंचे। इसके बाद उनसे जांच के नाम पर पत्थर ले लिया। बाद में वो सभी फरार हो गए। गुरुवार को घटना सामने आने पर आरोपियों के खिलाफ झांसी के बड़ागांव थाने में आईपीसी की धारा 379 (चोरी) के तहत केस दर्ज किया गया। बड़ागांव थानाध्यक्ष विनय दिवाकर के अनुसार पुलिस ने दोनों आरोपियों को राउंडअप कर लिया है, जिनसे पूछताछ की जा रही है।
प्लांट के मुख्य महाप्रबंधक मनोज सचान के मुताबिक शुरुआती जांच में चट्टान के हीरा होने की संभावना नहीं है। यह दो कैरेट का है और नाजुक है, जो हीरे की गुणवत्ता नहीं है। एक हीरा काफी कठोर होता है और दस कैरेट से शुरू होता है। यह चट्टान जैसा लगता है। हालांकि हम सरकार द्वारा प्रमाणित लैब में इसका और परीक्षण कराएंगे।nbt