अपने इस्तीफे पत्र में एमए खान ने कहा कि G23 के वरिष्ठ नेताओं ने कांग्रेस के कल्याण और भलाई के लिए अपनी आवाज बुलंद की थी. लेकिन पार्टी नेतृत्व ने उनके इस कदम को नकार दिया.
हैदराबाद – गुलाम नबी आजाद के इस्तीफे के बाद तेलंगाना में कांग्रेस को झटका लगा है। पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व राज्यसभा सांसद एमए खान ने इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने भी आजाद की तरह राहुल गांधी पर जमकर निशाना साधा है। उनके इस्तीफे के बाद प्रतिक्रियाओं का दौर भी शुरू हो गया। पांच पन्नों के त्यागपत्र में आजाद ने राहुल गांधी का उल्लेख करते हुए उन्हें एक नॉन सीरियस नेता करारा दिया था। वहीं, एमए खान ने भी कुछ ऐसी ही टिप्पणी की है।
उन्होंने कहा, ’’राहुल गांधी द्वारा पार्टी के उपाध्यक्ष का पद संभालने के बाद कांग्रेस को नुकसान ही हुआ है।’’ समाचार एजेंसी एएनआई ने खान के हवाले से कहा, “उनके सोचने के तरीके अलग हैं, जो ब्लॉक स्तर से लेकर बूथ स्तर तक किसी भी कार्यकर्ता से मेल नहीं खाती है।“
विधायक खान ने कहा, “पार्टी के तमाम दिग्गज, जिन्होंने दशकों तक पार्टी को मजबूत किया, अब पार्टी छोड़ रहे हैं। राहुल गांधी यह भी नहीं जानते हैं कि वरिष्ठ सदस्यों के साथ कैसे व्यवहार करना है। स्थिति को देखते हुए मेरे पास पार्टी से इस्तीफा देने का फैसला करने के अलावा अलावा कोई विकल्प नहीं था।“