हाइवे पर महिला के साथ आपत्तिजनक हालत में दिखने वाले नेता मनोहर धाकड़ के वकील संजय सोनी ने दावा किया कि यह मामला केवल वायरल वीडियो के आधार पर दर्ज कियाजबकि वीडियो की फॉरेनसिक जांच नहीं की गई और न ही इसकी प्रामाणिकता साबित हुई है. सोनी ने कहा, “AI के जमाने में वीडियो के साथ काट-छांट और एडिटिंग करना कोई बड़ी बात नहीं है. वीडियो की गहन जांच होनी चाहिए.
हाइवे पर ‘गंदा काम’ करने वाले बीजेपी नेता मनोहर धाकड़ का क्या होगा? जिन धाराओं में केस दर्ज हुआ उसमें कितनी सजा मिलेगी, जानिए
भोपाल: मंदसौर जिले के मुंबई-दिल्ली एक्सप्रेस वे पर बीजेपी नेता मनोहरलाल धाकड़ का एक वीडियो वायरल हुआ। जिसके बाद पुलिस ने नेता को गिरफ्तार कर लिया है। वायरल वीडियो 13 मई का बताया जा रहा है। घटना हाईवे पर लगे हाई-सिक्योरिटी सीसीटीवी कैमरों में कैद हो गया था। बीजेपी नेता की गिरफ्तारी के बाद अब माना जा रहा है कि उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सकती है। खुलेआम हाइवे पर अश्लील हरकत करना कितना गंभीर अपराध है? इस पर सजा का कितना प्रावधान है? आइए जानते हैं।
किन धाराओं में दर्ज है केस
एसपी अभिषेक आनंद के अनुसार जिन लोगों ने वीडियो वायरल किया है, उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जा रही है। भानपुरा पुलिस ने 23 मई को मनोहर धाकड़ और एक अन्य व्यक्ति के खिलाफ केस दर्ज किया है। धाकड़ के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (BNS) की धारा 296 (सार्वजनिक अश्लीलता), 285 (जान-माल को खतरे में डालना) और 3(5) (सामूहिक अपराध) के तहत केस दर्ज किया गया है।
जानें क्या कहना है एक्सपर्ट का
अधिवक्ता जितिन राठौर ने नवभारत टाइम्स डॉट कॉम से बात करते हुए बताया कि बीएनएस की धारा 296 तब लगाई जाती है जबकि कोई व्यक्ति सार्वजनिक स्थान पर अश्लीलता करते हुए दिखाई देता है। उन्होंने कहा कि भले ही यह धारा लगाई जाती है लेकिन अपराध की दृष्टि से इस धारा में कोई बहुत अधिक कड़े प्रावधान नहीं है। सबसे पहली बात तो यह है कि मामले में आरोप साबित हो जाए। अगर आरोप साबित होता है तो इस अपराध की सजा के तौर पर तीन महीने तक की जेल या 1000 रुपये का जुर्माना या दोनों से दंडित किया जा सकता है।
जमानती धारा है
उन्होंने कहा कि बीएनएस की धारा 296 एक जमानती व संज्ञेय अपराध है। जिसमें अगर कोई व्यक्ति सार्वजनिक जगहों पर ऐसी कोई गलत हरकत करते हुए पाया जाता है, तो शिकायत के आधार पर ही पुलिस उसे तुरन्त गिरफ्तार कर सकती है। लेकिन धारा 296 के जमानती होने के कारण आरोपी को जमानत भी बहुत ही आसानी से मिल जाती है।
अन्य धाराओं में सजा का क्या प्रावधान
धारा 285 (जान-माल को खतरे में डालना) 3(5) (सामूहिक अपराध) लगाई गई है। अधिवक्ता हिमांशु राय बताते हैं कि इस धारा का अर्थ यह है कि इंसान खुद की जान माल को खतरे में डालता है। यानी कि उन्होंने अपने वाहन कार को सड़क पर ही खड़ा कर दिया। सामूहिक अपराध की श्रेणी में यह धारा लगाई जाती है, क्योंकि इस दृश्य में एक महिला भी नजर आ रही है इसलिए यह धारा लगाई गई है। भारतीय दंड संहिता की धारा 285 के अनुसार जो भी कोई ऐसे उतावलेपन या उपेक्षा से कार्य करेगा जिससे मानव जीवन संकटग्रस्त हो जाए या जिससे किसी अन्य व्यक्ति को चोट या क्षति कारित होना सम्भाव्य हो। ऐसे आरोप सिद्ध होने पर किसी छह महीने तक जेल या फिर इसे बढ़ाया भी जा सकता है। या फिर एक हजार रुपए तक का आर्थिक दण्ड, या दोनों से दण्डित किया जाएगा।
जमानत मिल सकती है
उन्होंने बताया कि इस मामले में जिस तरह की धाराएं लगाई गई हैं। यह एक जमानती, संज्ञेय अपराध है और किसी भी मजिस्ट्रेट द्वारा विचारणीय है। अर्थात आरोपी पर जो दोनों धाराएं लगाई गई हैं उसके हिसाब से उसे तत्काल ही जमानत मिल सकती है।