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लैंडिंग के बाद समुद्र में तैर रहा था सुनीता विलियम्स को लेकर आया कैप्सूल, बोट से रस्सी के सहारे निकाला गया बाहर

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सुनीता विलियम्स ने अंतरिक्ष में कुल 286 दिन बिताए हैं। इसके साथ ही वह एक यात्रा में तीसरी सबसे ज्यादा दिन तक आईएसएस पर बिताने वाली महिला वैज्ञानिक हो बन गई हैं। इस मामले में सबसे पहले पायदान पर 328 दिनों के साथ क्रिस्टीना कोच हैं। पिग्गी वीटस्न 289 दिनों के साथ दूसरे नंबर पर हैं।

वॉशिंगटन – भारतीय मूल की अमेरिकी एस्ट्रोनॉट सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर 9 महीने से ज्यादा का समय स्पेस में गुजारने के बाद पृथ्वी पर लौट आए हैं। उनका ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट भारतीय समयानुसार बुधवार सुबह 3:27 बजे फ्लोरिडा के तट पर पानी में लैंड हुआ। एस्ट्रोनॉट के ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट में सवार होने और स्पेसक्राफ्ट का हैच यानी, दरवाजा बंद होने के बाद उनको स्पेस स्टेशन से पृथ्वी पर लौटने में करीब 17 घंटे लगे। इसके बाद बोट लेकर मौजूद टीम ने हैच खोलते हुए सभी को निकाला और जरूरी मेडिकल जांच की। सुनीता और बुच के क्राफ्ट के लैंड होने के बाद बोट से उनको निकालने का वीडियो भी सामने आया है।

नासा के अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर फ्लोरिडा के तल्हासी में स्पेस एक्स क्रू-9 के सफल स्प्लैशडाउन के बाद धरती पर वापस आए। यहां उनको रेस्कयू करने के लिए कर्मी बोट पर सवार थे। सुनीता और दूसरे एस्ट्रोनॉट को समुद्र में तैरते कैप्सूल से रिकवरी पोत मेगन पर चढ़ाया गया। टीम ने स्पेसएक्स ड्रैगन क्राफ्ट का हैच खोला और चालक दल को एक-एक करके कैप्सूल से बाहर निकाला।

पैराशूट के साथ लैंडिंग

अतंरिक्ष यात्रियों को लेकर आए ड्रैगन कैप्सूल ने पैराशूट के साथ समंदर में लैंड किया। कैप्सूल के समंदर में उतरने के करीब 10 मिनट तक सिक्यॉरिटी चेक किया गया। कैप्सूल को कुछ समय के बाद खोला जाता है। अंदर और बाहर के तापमान को एक लेवल पर आने के लिए जरूरी हता है। कैप्सूल के समंदर में उतरने के बाद भी उसके तापमान के सामान्य होने का इंतजार किया जाता है। ऐसे में कैप्सूल के उतरने के कुछ मिनट तक बोट उसके इर्दगिर्द रही और फिर करीब जाकर यात्रियों को निकाला।

सुनीता विलियम्स और बुच विल्मोर बोइंग बीते साल जून में नासा के क्रू फ्लाइट टेस्ट मिशन पर गए थे। ये मिशन बोइंग के स्टारलाइनर स्पेसक्राफ्ट की एस्ट्रोनॉट्स को स्पेस स्टेशन तक ले जाकर वापस लाने की क्षमता को टेस्ट करने के लिए था। ये मिशन सिर्फ आठ दिन का था लेकिन तकनीकी गड़बड़ी के चलते वापसी टलती रही। ऐसे में आठ दिन का ये मिशन 9 महीने से ज्यादा समय बाद खत्म हुआ है। सुनीता विलियम्स की वापसी के बाद नासा ने कहा है कि सबकुछ प्लान के मुताबिक हुआ है और सभी अंतरिक्ष यात्री पूरी तरह सुरक्षित हैं।