सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव ने लोकसभा में पूर्णिया और बिहार के विकास से संबंधित मुद्दों को पूरी मजबूती से उठाया। उन्होंने केंद्र सरकार से पूर्णिया में हाई कोर्ट बेंच आईआईएम और आईआईटी की स्थापना की मांग की। साथ ही मक्का मखाना मछली और चाय जैसे उत्पादों पर आधारित पांच फैक्ट्रियां लगाने का आग्रह किया। उन्होंने भीमनगर बैराज के पुनर्वास के लिए केंद्र से विशेष सहायता की अपील की।
नोटबंदी, जीएसटी और भ्रष्टाचार पर सवाल
- सांसद ने नोटबंदी को स्वर्णिम कदम बताते हुए सवाल उठाए कि कालाधन और जाली नोटों से संबंधित कोई स्पष्ट आंकड़ा क्यों नहीं दिया गया। उन्होंने कहा कि जीएसटी प्रणाली बड़े व्यापारियों के लिए चोरी का माध्यम बन गई है, जबकि छोटे और मंझले व्यापारियों को नुकसान हो रहा है।
- सांसद ने बिहार का जीएसटी बजट पांच प्रतिशत कम किए जाने पर नाराजगी जताई और पूछा कि झारखंड के 1.36 लाख करोड़ रुपये की जीएसटी राशि क्यों रोकी गई है।
- उन्होंने पेंशन योजनाओं पर सवाल करते हुए कहा कि चार सौ रुपये की पेंशन अपर्याप्त है और इसे बढ़ाकर कम से कम 2,000 रुपये किया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री आवास योजना और शौचालय निर्माण के लिए राशि को भी अपर्याप्त बताते हुए इसे बढ़ाने की मांग की।
बिहार की शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार पर चिंता
सांसद ने बिहार में शिक्षा और रोजगार की स्थिति पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि बिहार बेरोजगारी और पलायन के मामले में देश में सबसे आगे है। उन्होंने बेरोजगार युवाओं को कम से कम 5,000-6,000 रुपये भत्ता देने की मांग की।इसके साथ ही, आंगनबाड़ी सेविकाओं, आशा कार्यकर्ताओं और रसोइयों के वेतन में वृद्धि का मुद्दा उठाया। स्वास्थ्य के मुद्दे पर उन्होंने आयुष्मान भारत योजना की आलोचना करते हुए कहा कि प्राइवेट अस्पताल मनमाने तरीके से लाखों रुपये का बिल बना देते हैं। उन्होंने सुझाव दिया कि एमआरआई, सीटी स्कैन, और दवा को मुफ्त कर दिया जाए।
बाढ़ और सूखे से निपटने के लिए योजना की जरूरत
सांसद ने बिहार को बाढ़ और सूखे से होने वाले नुकसान की ओर ध्यान दिलाते हुए कहा कि प्रदेश के तीन हिस्से बाढ़ से प्रभावित हैं। उन्होंने बाढ़ और सूखा प्रबंधन के लिए ठोस योजनाओं और रेल कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए बजट का आग्रह किया।सांसद पप्पू यादव ने कहा कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देकर केंद्र सरकार को यह दिखाना होगा कि वह बिहार के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि बिहार के विकास में पर्यटन और उद्योगों की बड़ी भूमिका हो सकती है, बशर्ते सरकार पर्याप्त सहयोग और संसाधन प्रदान करे।