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‘हां मैं सट्टा खिलाता हूं, पुलिस को रोज 5000 रुपये देता हूं…’, सटोरिए ने फिल्मी अंदाज में दी आईपीएस को चुनौती

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गृहमंत्री विजय शर्मा पिछले दिनों बिलासपुर आए थे। पुलिस के आला अधिकारियों की बैठक लेकर दो टूक कहा था कि जिस थाना क्षेत्र में जुआ-सट्टा या नशाखोरी की घटना सामने आएगी, वहां की पुलिस जिम्मेदार होगी। अब देखना होगा कि इस क्षेत्र में जिस तरह से सट्टा का कारोबार फल-फूल रहा है, किस पर गाज गिरती है। अब देखना है कि पुलिस के आला अधिकारी यहां कार्रवाई करते हैं

बिलासपुर – तोरवा थाना पुलिस को सूचना मिली थी कि थाना क्षेत्र के बुधवार में एक व्यक्ति के द्वारा सट्टा खिलाया जा रहा है। लगातार सट्टा खिलाने से क्षेत्र का माहौल बिगड़ रहा है। सीएसपी पूजा कुमार, सीएसपी उमेश कुमार गुप्ता ने मामले में कार्रवाई के लिए टीम बनाकर वहां अचानक छापामार कारवाई के लिए पहुंचे। संतोष नाम का दिव्यांग व्यक्ती भागने लगा, तभी पुलिस ने उसे पकड़ लिया। इसके बाद सट्टेबाज के साथ पुलिस की बहस हो गई।

 ‘हां मैं सट्टा खिलाता हूं…, तोरवा पुलिस को रोज 5000 रुपये भी तो देता हूं। सिपाही खुद रोज हिस्सा लेने आता है। रेलवे क्षेत्र में अकेले नहीं हूं। 

पुलिस को धमकाते हुए वह आत्महत्या की धमकी देने लगा और रेलवे ट्रैक की ओर भागने का प्रयास किया साथ ही गमछे को अपने गले में कसने की कोशिश की। पुलिसकर्मियों ने उसे रोका। इसके बाद सटोरिया बिफर गया और तोरवा पुलिस पर एक के बाद कई गंभीर आरोप लगाते हुए कहा “हां मैं सट्टा खिलाता हूं। पुलिस को पैसा देता हूं सिपाही खुद हिस्सा लेने आता है। रेलवे क्षेत्र में अकेला नहीं हूं मुझे पकड़कर क्या कर लोगे। मैं पैर से दिव्यांग हूं, हिम्मत है तो उसे पकड़कर दिखाओ जो बुधवारी का किंग है।’

सीएसपी उमेश प्रसाद गुप्ता ने कहा कि सट्टे खिलाने की शिकायत मिली थी। जिस पर रेड कार्रवाई की गई। आरोपी ने अपनी दिव्यांगता की आड़ में इस काम को अंजाम देने की बात कही और रोजी रोटी का जरिया बताया। कार्रवाई करने पर आत्महत्या की धमकी देने लगा। हलांकि पुलिस ने उसे हिरासत में लिया है और उसके द्वारा बताये गए मुख्य सट्टा खिलाने वाले सरगना की तलाश कर रही है। जल्द ही उस पर भी पुलिस कार्रवाई करेगी।