नई दिल्ली – उच्चतम न्यायालय ने करीब 35 साल पुराना अपना एक फैसला पलटते हुए गुरुवार को कहा कि रॉयल्टी कोई कर नहीं है तथा राज्यों के पास खनिजों और खदानों पर कर लगाने का अधिकार है।
शीर्ष अदालत की नौ सदस्यीय संविधान पीठ ने केंद्र और विभिन्न खनन कंपनियों की आपत्तियों को खारिज करते हुए आठ-एक के बहुमत वाले फैसले से 1989 के सात सदस्यीय पीठ के फैसले (इंडिया सीमेंट लिमिटेड बनाम तमिलनाडु सरकार) को खारिज कर दिया, जिसमें कहा गया था कि राज्यों के पास कर लगाने का कोई अधिकार नहीं है।(वार्ता)