प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 मार्च को एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा कि परोपकारी सुधा मूर्ति को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा राज्यसभा के लिए नामित किया गया है। X पर एक पोस्ट में पीएम मोदी ने कहा कि उन्हें खुशी है कि मूर्ति को उच्च सदन के लिए नामित किया गया है। प्रधान मंत्री ने कहा कि राज्यसभा में उनकी उपस्थिति हमारी ‘नारी शक्ति’ का एक शक्तिशाली प्रमाण है
नई दिल्ली – राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राज्यसभा के लिए प्रसिद्ध सामाजिक कार्यकर्ता और लेखिका सुधा मूर्ति को नामित किया हैं। बता दें कि सुधा मूर्ति इंफोसिस फाउंडेशन की अध्यक्ष भी हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने एक्स पर इसकी जानकारी दी।
‘नारी शक्ति’ का सशक्त प्रमाण
पीएम मोदी ने लिखा कि “मुझे खुशी है कि भारत के राष्ट्रपति ने सुधा मूर्ति को राज्यसभा के लिए नामित किया है। सामाजिक कार्य, परोपकार और शिक्षा सहित विभिन्न क्षेत्रों में सुधा जी का योगदान बहुत बड़ा और प्रेरणादायक रहा है। राज्यसभा में उनकी उपस्थिति एक है।” हमारी ‘नारी शक्ति’ का सशक्त प्रमाण, जो हमारे देश की नियति को आकार देने में महिलाओं की ताकत और क्षमता का उदाहरण है। उनके सफल संसदीय कार्यकाल की कामना करता हूं।”
जानिए सुधा मूर्ति के बारें में
बता दें कि सुधा मूर्ति इंफोसिस फाउंडेशन के संस्थापक नारायण मूर्ति की पत्नी हैं। सुधा मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति यूके के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक की पत्नी हैं। 74वें गणतंत्र दिवस पर सुधा मूर्ति को पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
सुधा मूर्ति का जीवन परिचय और शिक्षा
सुधा मूर्ति का जन्म 19 अगस्त 1950 को कर्नाटक के शिगांव में हुआ था। उन्होंने बीवीबी कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, हुबली से इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में स्नातक किया। इंजीनियरिंग कॉलेज में 150 स्टूडेंट्स के बीच दाखिला पाने वाली वह पहली महिला थीं। जब वह क्लास में फर्स्ट आईं तो कर्नाटक के मुख्यमंत्री ने उन्हें पदक से सम्मानित किया था। बाद में उन्होंने इंडियन इंस्टीट्यूट आफ साइंस से कंप्यूटर साइंस में मास्टर्स की डिग्री की।