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दिल्ली छात्र संघ चुनाव में ABVP ने लहराया परचम, अध्यक्ष समेत तीन सीटों पर मिली जीत, NSUI को मिला उपाध्यक्ष पद

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दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में शनिवार को 14 दौर की मतगणना के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के उम्मीदवार केंद्रीय पैनल के चार में से तीन पदों पर आगे हैं

नई दिल्ली – दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (डूसू) चुनाव में शनिवार को 14 दौर की मतगणना के बाद राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के उम्मीदवार केंद्रीय पैनल के चार में से तीन पदों पर आगे हैं। डूसू अध्यक्ष पद के चुनाव में एबीवीपी और कांग्रेस से संबद्ध ‘नेशनल स्टूडेंट्स यूनियन ऑफ इंडिया’ (एनएसयूआई) के बीच कांटे की टक्कर है तथा एबीवीपी 2,200 मतों से आगे है।

एनएसयूआई उपाध्यक्ष पद के चुनाव में आगे है, जबकि सचिव और संयुक्त सचिव के पदों पर एबीवीपी ने बढ़त बना रखी है। डूसू के केंद्रीय पैनल के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष, सचिव एवं संयुक्त सचिव पदों पर चुनाव के लिए मतगणना जारी है। इस चुनाव के लिए शुक्रवार को मतदान हुआ था। चुनाव परिणाम 26 दौर की मतगणना के बाद घोषित किए जाएंगे।

डूसू के मुख्य निर्वाचन अधिकारी द्वारा साझा किए गए आंकड़े के अनुसार, पहले आठ दौर की मतगणना में एबीवीपी के उम्मीदवार सभी चार पदों पर आगे थे और एनएसयूआई सभी पदों पर पीछे थी। डूसू चुनावों में हमेशा एबीवीपी और एनएसयूआई के बीच सीधी टक्कर देखने को मिली है। डूसू चुनाव में 24 उम्मीदवार मैदान में हैं। इससे पहले डूसू चुनाव 2019 में हुए थे। कोविड-19 महामारी के कारण 2020 और 2021 में चुनाव नहीं कराए जा सके थे, जबकि शैक्षणिक कैलेंडर में संभावित व्यवधान के कारण 2022 में भी चुनाव नहीं हुआ था।

चुनाव के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी प्रोफेसर चंद्रशेखर ने बताया कि इस चुनाव में 42 प्रतिशत मतदान हुआ। चुनाव में करीब एक लाख छात्र मतदान करने के लिए पात्र थे। इससे पहले 2019 में हुए डूसू चुनाव में मतदान प्रतिशत 39.90 रहा था जबकि 2018 और 2017 में मतदान प्रतिशत क्रमश: 44.46 और 42.8 फीसदी रहा था। केंद्रीय पैनल के लिए 52 कॉलेज और विभागों में चुनाव ईवीएम के माध्यम से कराए गए, जबकि कॉलेज संघ चुनावों के लिए मतदान कागजी मतपत्र पर हुआ। फीस वृद्धि, किफायती आवास का अभाव, कॉलेज में विभिन्न कार्यक्रमों के आयोजन के दौरान सुरक्षा और मासिक धर्म अवकाश चुनाव में छात्रों के लिए मुख्य मुद्दे रहे।

एबीवीपी, एनएसयूआई, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी समर्थित ‘स्टूडेंट्स फेडरेशन ऑफ इंडिया’ (एसएफआई) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी-मार्क्सवादी लेनिनवादी (भाकपा-माले) से संबद्ध ‘ऑल इंडिया स्टूडेंट्स एसोसिएशन’ (आइसा) ने सभी चार पदों के लिए उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है। एबीवीपी ने 2019 डूसू चुनाव में चार पदों में से तीन पर जीत दर्ज की थी। दिल्ली विश्वविद्यालय के अधिकतर कॉलेज और संकायों के लिए डूसू मुख्य प्रतिनिधि निकाय है। हर कॉलेज का अपना अलग छात्र संघ भी है, जिसके लिए हर साल चुनाव होता है।