बंगलूरू – चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल (एलएम) बुधवार शाम चंद्रमा की सतह पर उतरेगा। ऐसा होने पर भारत चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला दुनिया का पहला देश बन जाएगा। सिर्फ भारतवर्ष ही नहीं, बल्कि पूरी दुनिया इस ऐतिहासिक पल का टकटकी लगाए इंतजार कर रही है। लैंडर (विक्रम) और रोवर (प्रज्ञान) से युक्त लैंडर मॉड्यूल शाम छह बजकर चार मिनट पर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुवीय क्षेत्र पर सॉफ्ट लैंडिंग कर सकता है।
थोड़ी देर में भारत बनाने वाला है रिकॉर्ड- कैलाश खेर
चंद्रयान-3 के चंद्रमा पर उतरने से पहले गायक कैलाश खेर ने इसे भारत के लिए गर्व के क्षण करार दिया है। उन्होंने कहा कि भारत से प्यार करने वालों के लिए यह गर्व का क्षण है कि चंद्रयान उतरने जा रहा है। विज्ञान और अंतरिक्ष जटिल विषय हैं लेकिन मैं अपने साथी भारतीयों को सलाम करता हूं क्योंकि वे इसके लिए कड़ी मेहनत कर रहे हैं। उन्हें आज के नेतृत्व का समर्थन प्राप्त है। मैं हमारे भारतीय मूल्यों, हमारी सनातन परंपराओं को सलाम करता हूं। उन्होंने कहा कि सभी भारतीयों को शुभकामनाएं देता हूं कि यह शुभ अवसर हमारे पास है। यह उन सभी के लिए एक बड़ा क्षण है जो भारत से प्यार करते हैं। थोड़ी ही देर में भारत एक रिकॉर्ड बनाने वाला है।
चंद्रयान-3 की लैंडिंग में अब दो घंटे से भी कम का वक्त
चांद की सतह पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग का पूरा देश बेसब्री से इंतजार कर रहा है। इसकी लैंडिग में अब दो घंटे से भी कम समय बचा है। बता दें कि लैंडिंग के लिए आखिरी के 15 से 19 मिनट बेहद चुनौतीपूर्ण हैं।
भारत की अंतरिक्ष यात्रा 1962 में INCOSPAR: कांग्रेस के गठन के साथ शुरू हुई
जब चंद्रयान-3 चंद्रमा की सतह को छूने के लिए तैयार है, तब कांग्रेस ने भारत की अंतरिक्ष यात्रा के बारे में बताया है। कांग्रेस ने कहा कि भारत की अंतरिक्ष यात्रा 1962 में INCOSPAR के गठन के साथ शुरू हुई। ये होमी भाभा और विक्रम साराभाई की दूरदर्शिता के साथ-साथ देश के पहले प्रधान मंत्री जवाहरलाल नेहरू के उत्साहपूर्ण समर्थन का परिणाम था।
एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि भारत की अंतरिक्ष यात्रा 23 फरवरी, 1962 को INCOSPAR (अंतरिक्ष अनुसंधान के लिए भारतीय राष्ट्रीय समिति) के गठन के साथ शुरू हुई, जिसका श्रेय होमी भाभा और विक्रम साराभाई की दूरदर्शिता को जाता है। उन्होंने कहा कि समिति में देश भर के प्रमुख वैज्ञानिक संस्थानों के शीर्ष वैज्ञानिक शामिल हैं जो सहयोग और टीम वर्क की भावना से एक साथ आ रहे हैं।
असफलताएं सबक देती है, हमने इनसे बहुत कुछ सीखा- CSIR
चंद्रयान-3 की आज लैंडिंग पर CSIR के वरिष्ठ वैज्ञानिक सत्यनारायण ने प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा कि हम चंद्रमा की सतह को छूने वाले चार (देशों) के विशिष्ट समूह में शामिल होने जा रहे हैं। असफलताएं सबक देती हैं। हमने इनसे बहुत कुछ सीखा है। इसरो ने चंद्रमा की सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग कराने के लिए पर्याप्त सावधानी बरती है।
चंद्रयान-3 के लिए हरदीप पुरी ने लिया विशेष अरदास में हिस्सा
केंद्रीय मंत्री हरदीप पुरी ने दिल्ली स्थित गुरुद्वारा बांग्ला साहिब में चंद्रयान-3 की सुरक्षित और सफल लैंडिंग के लिए विशेष अरदास में हिस्सा लिया। न केवल यहां बल्कि पूरे देश में, जनता चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के लिए प्रार्थना कर रही है।
जम्मू-कश्मीर में चंद्रयान के लिए नमाज
जम्मू-कश्मीर: चंद्रयान-3 की सफल चंद्र लैंडिंग के लिए लोगों ने श्रीनगर के हजरतबल दरगाह में नमाज़ अदा की।