नई दिल्ली – केंद्र सरकार ने नए संसद भवन के उद्घाटन का जश्न मनाने के लिए 75 रुपये का स्मारक सिक्का जारी करने का फैसला किया था।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नई संसद का उद्घाटन करने के बाद 75 रु का नया सिक्का भी लॉन्च कर दिया है। मगर ये 75 रु का सिक्का आम जनता के लिए नहीं होगा। आम लोग इससे लेन-देन नहीं कर पाएंगे। आगे जानिए इसका कारण क्या है।
75 रु का सिक्का लीगल टेंडर होगा या नहीं
स्मारक सिक्के सामान्य चलन के लिए नहीं होते हैं, इसलिए इनका उपयोग लेनदेन के लिए नहीं किया जाता है। इसके अलावा 75 रुपये के सिक्के के मामले में एक अलग फैक्ट है। दरअसल इस सिक्के का धातु मूल्य इसकी लीगल वैल्यू से अधिक है क्योंकि सिक्के का आधा हिस्सा चांदी से बना है। जाहिर सी बात इसकी वैल्यू ज्यादा होगी।
ये हैं सिक्के के फीचर्स
75 रु के सिक्के का व्यास 44 मिलीमीटर है और यह 50 प्रतिशत चांदी, 40 प्रतिशत तांबा, 5 प्रतिशत निकल और 5 प्रतिशत जस्ता से बना हुआ है। इसका स्टैंडर्ड वजन 35 ग्राम है। सिक्के के फ्रंट पर अशोक स्तंभ का प्रतिष्ठित शीर्ष (Lion Capital of Ashoka Pillar) है, जिसके नीचे देवनागरी लिपि में ‘सत्यमेव जयते’ लिखा हुआ है।
सिक्के पर पीछे की तरफ संसद परिसर की छवि बनी है, जिसके साथ ऊपरी परिधि पर देवनागरी लिपि में ‘संसद संकुल’ लिखा है।
आपको मिल सकता है ये सिक्का
जो लोग इस खास सिक्के को हासिल करना चाहते हैं वे सिक्योरिटीज ऑफ प्रिंटिंग एंड मिंटिंग कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड की वेबसाइट से प्राप्त कर सकते हैं। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के अनुसार सिक्का अधिनियम, 2011 की धारा 6 के तहत भारत सरकार द्वारा जारी किए गए सिक्के, भुगतान में या खाते में कानूनी निविदा (लीगर टेंडर) होंगे, बशर्ते कि सिक्का खराब न हुआ हो और उसका वजन सही सिक्के से कम न हो।