इस्लामाबाद – पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की गिरफ्तारी को लेकर गुरुवार (11 मई) को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. चीफ जस्टिस उमर अता बंदियाल की अध्यक्षता में हुई सुनवाई में कोर्ट ने इमरान की गिरफ्तारी पर नाराजगी जताई. इसके साथ ही उनकी गिरफ्तारी को गैरकानूनी करार दिया.
इमरान खान की गिरफ्तारी मामले पर कोर्ट ने कहा कि यदि किसी व्यक्ति ने न्यायालय के समक्ष समर्पण कर दिया है तो उसे गिरफ्तार करने का क्या अर्थ है? इस तरह तो भविष्य में न्याय के लिए कोई भी खुद को न्यायालय में भी सुरक्षित नहीं समझेगा. चीफ जस्टिस ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि गिरफ्तारी से पहले रजिस्ट्रार से अनुमति लेनी चाहिए थी.
पीटीआई चीफ इमरान खान की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट की तीन जजों की बेंच ने सुनवाई की. बेंच में मुख्य न्यायाधीश उमर अता बंदियाल, जस्टिस मुहम्मद अली मजहर और जस्टिस अतहर मिनल्लाह शामिल रहें. इस दौरान न्यायमूर्ति अतहर मिनल्लाह ने टिप्पणी करते हुए कहा कि एनएबी कई वर्षों से ऐसा कर रहा है. चुने हुए जनप्रतिनिधियों को गिरफ्तार किया जा रहा है, इस प्रक्रिया को रोका जाना चाहिए.
सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने पूछा कि कुल कितने लोगों ने इमरान खान को गिरफ्तार किया? इस पर इमरान खान के वकील सलमान सफदर ने कहा कि उन्हें 80 से 100 लोगों ने गिरफ्तार किया. बताते चलें कि इमरान खान की गिरफ्तारी अल कादिर ट्रस्ट केस में हुई है. यह मामला यूनिवर्सिटी की जमीन से जुड़ा है. इस मामले में इमरान खान के साथ उनकी पत्नी बुशरा बीवी का भी नाम शामिल है. हालांकि,अभी तक उनकी पत्नी की गिरफ्तारी नहीं हुई है.
सुप्रीम कोर्ट ने इमरान खान की गिरफ्तारी को अवैध ठहराया, तत्काल रिहाई के आदेश दिए
सुप्रीम कोर्ट से इमरान को राहत
सुप्रीम कोर्ट ने इमरान की गिरफ्तारी को अवैध करार देते हुए कहा कि पूर्व पीएम के साथ न्याय नहीं हुआ। उन्हें कल इस्लामाबाद हाईकोर्ट के सामने पेश किया जाए। इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट ने इमरान को तत्काल रिहा करने के आदेश दिए।
इमरान खान को रिहा किया गया
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद इमरान खान को रिहा किया गया।