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बरकरार रहेगी सजा या मिलेगी राहत, मोदी सरनेम मामले में राहुल के राजनीतिक भविष्य पर फैसला आज

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 राहुल गांधी ने 3 अप्रैल को सेशंस कोर्ट में फैसले को चुनौती देते हुए अपनी दोषसिद्धि पर रोक की याचिका दा‍खिल की थी. कानून के जानकारों की मानें तो यदि कोर्ट राहुल गांधी के पक्ष में फैसला सुनाती है तो उनकी लोकसभा की सदस्‍यता बहाल हो सकती है.

सूरत – गुजरात के सूरत शहर की एक सत्र अदालत ने ‘मोदी उपनाम’ संबंधी टिप्पणी को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ दायर मानहानि के मामले में उनकी सजा पर रोक लगाने का अनुरोध करने वाली याचिका पर आज फैसला आ सकता है. इस मामले में सूरत की अदालत में सुनवाई पूरी हो चुकी है. प्राप्त जानकारी के मुताबिक अदालत दोपहर साढ़े 12 बजे तक फैसला सुना सकती है. इस मामले में अदालत ने पूर्व कांग्रेस सांसद राहुल गांधी को दो साल कारावास की सजा सुनाई है.

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक एवं शिकायतकर्ता पूर्णेश मोदी ने इसी अदालत में पहले दाखिल किए गए अपने जवाब में राहुल गांधी की याचिका का विरोध करते हुए कहा था कि कांग्रेस नेता ‘‘बार-बार अपराध’’ करते हैं और उन्हें अपमानजनक बयान देने की आदत है.

राहुल ने 3 अप्रैल को कोर्ट में दी थी याचिका
राहुल गांधी ने 3 अप्रैल को सेशंस कोर्ट में फैसले को चुनौती देते हुए अपनी दोषसिद्धि पर रोक की याचिका दा‍खिल की थी. कानून के जानकारों की मानें तो यदि कोर्ट राहुल गांधी के पक्ष में फैसला सुनाती है तो उनकी लोकसभा की सदस्‍यता बहाल हो सकती है. राहुल गांधी की ओर से कन्विक्शन रद्द करने की अपील की गई है. यदि कोर्ट अपील मंजूर करती है तो इससे राहुल गांधी को राहत मिल सकती है.

इस मामले में सुनवाई के दौरान पूर्णेश मोदी की ओर से कहा गया कि राहुल गांधी के खिलाफ 10 से अधिक आपराधिक मानहानि के मामले चल रहे हैं. सुप्रीम कोर्ट ने भी उन्‍हें फटकार लगाई है. मोदी के वकील हर्ष टोलिया ने कहा कि राहुल गांधी कोर्ट से दोषी करार दिए जाने के बाद भी कह रहे हैं कि कोई गलती नहीं की. कोर्ट से मिली सजा के कारण राहुल गांधी को अयोग्‍य करार दिया गया है, लेकिन वे चुनाव और उसकी जीत का तर्क दे रहे हैं. वकील ने कहा कि राहुल गांधी को सही सजा मिली है, जब वे रैली को संबोधित कर रहे थे, तब वे पूरी तरह होश में थे.

सूरत में मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट की एक अदालत ने 13 अप्रैल, 2019 को एक चुनावी रैली में ‘‘मोदी उपनाम’’ संबंधी टिप्पणी को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ दर्ज आपराधिक मानहानि के मामले में उन्हें इस साल 23 मार्च को दोषी ठहराते हुए दो साल कारावास की सजा सुनाई थी. इसके बाद राहुल गांधी की संसद की सदस्यता भी चली गई थी. (एजेंसी के इनपुट सहित)