नई दिल्ली – कांग्रेस ने भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी का नाम इंटरपोल के ‘रेड नोटिस’ से हटाए जाने को लेकर मंगलवार को केंद्र सरकार पर निशाना साधा और आरोप लगाया कि विपक्षी नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) और केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) का इस्तेमाल होता है, लेकिन चोकसी को इंटरपोल से रिहाई दिलवाई जा रही है।
पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘पहले लूटो और फिर बिन सजा छूटो’ , यही इस सरकार का मॉडल बन गया है। उन्होंने ट्वीट किया, ‘‘विपक्ष को ईडी-सीबीआई, मित्र को रिहाई! ‘मोडानी मॉडल’ मतलब पहले लूटो, फिर बिन सज़ा के छूटो।’’
कांग्रेस अध्यक्ष खरगे बोले- मोदी जी के ‘हमारे मेहुल भाई’ के लिए इंटरपोल से रिहाई
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इंटरपोल डेटाबेस से भगोड़े हीरा कारोबारी मेहुल चोकसी के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस हटाए जाने पर मंगलवार को भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि ऐसे लोगों को ‘संरक्षण’ देने वालों की ओर से देशभक्ति की बात करना एक ‘मजाक’ की तरह है।
खड़गे ने राहुल गांधी पर उनके लोकतंत्र संबंधी बयान को लेकर ताजा हमला करने के लिए भी भाजपा पर निशाना साधा। उन्होंने कहा, ‘वे वास्तविक मुद्दों से ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। हमारे दूतावासों पर हमले हो रहे हैं। मेहुल चोकसी जैसे लोग जो लोग बैंकों से पैसा लेकर भाग गए हैं, उन्हें संरक्षण देने वाले देशभक्ति की बात करते हैं, यह एक मजाक है। उन्होंने कहा, ‘हम सरकार से इस पर स्पष्टीकरण मांगेंगे।
1300 करोड़ रुपये के पीएनबी बैंक से जुड़े घोटाले में वांछित है मेहुल चोकसी
मामले की जानकारी रखने वाले लोगों ने बताया कि इंटरपोल ने मेहुल चोकसी के नाम को रेड कॉर्नर नोटिस डेटाबेस से हटा दिया है। चोकसी पंजाब नेशनल बैंक में 13,000 करोड़ रुपये के घोटाले से जुड़े मामले में वांछित है। सूत्रों के मुताबिक, फ्रांस के लियोन शहर स्थित इंटरपोल के मुख्यालय में चोकसी की ओर से दायर याचिका के आधार पर यह कदम उठाया गया है।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने ट्वीट किया, ‘विपक्षी नेताओं के लिए ईडी-सीबीआई लेकिन मोदी जी के ‘हमारे मेहुल भाई’ के लिए इंटरपोल से रिहाई। जब ‘बेस्ट फ्रेंड’ के लिए संसद को रोका जा सकता है, तो ‘पुराने दोस्त’ की मदद से कैसे इनकार किया जा सकता है जो पांच साल पहले फरार हो गया था। कांग्रेस अध्यक्ष ने यह भी कहा, ‘देश का हजारों करोड़ रुपया बर्बाद हो गया और ‘ना खाने दूंगा’ एक और ‘जुमला’ बन गया।