मुंबई – महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने सोमवार को अपनी पार्टी शिवसेना (शिंदे गुट) की नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी का गठन किया। शिंदे समर्थक विधायकों ने एकनाथ शिंदे को पार्टी का मुख्य नेता चुना और उद्धव ठाकरे को पार्टी का राष्ट्रीय अध्यक्ष चुना गया। एकनाथ शिंदे, उद्धव ठाकरे को एक और झटका दे सकते हैं। माना जा रहा है कि शिवसेना के 18 लोकसभा सांसदों में से 12 सांसद शिंदे गुट को अपना समर्थन दे सकते हैं। एकनाथ शिंदे दिल्ली में हैं और वह सांसदों के साथ लोकसभा स्पीकर से मुलाकात कर सकते हैं।
शिंदे गुट के एक नेता ने कहा, “उद्धव ठाकरे जी को पार्टी प्रमुख और शिंदे को मुख्य नेता के रूप में नामित करने का निर्णय वास्तविक शिवसेना को नियंत्रित करने वाले दोनों के बीच कानूनी लड़ाई को देखते हुए किया गया है।” यह इशारा करता है कि शिंदे खेमा अपनी मांगों पर अड़ा हुआ है और इस बात पर जोर दे रहा है कि वह शिवसेना से अलग नहीं हुआ है, बल्कि पार्टी के ‘सच्चे’ चेहरे का प्रतिनिधित्व करता है।
शिंदे गुट के नेताओं के अनुसार नई राष्ट्रीय कार्यकारिणी के गठन के बाद शिंदे गुट चुनाव आयोग से मिलकर अपने गुट को असली शिवसेना के रूप में दावा कर सकता है। वहीं जिन नेताओं को शिंदे गुट ने अपनी कार्यकारिणी में रखा है, उन्हें उद्धव ठाकरे ने पार्टी से बाहर का रास्ता दिखा दिया। शिवसेना प्रवक्ता संजय राउत ने कहा कि शिंदे गुट के कार्यकारिणी की कोई वैधानिक मान्यता नहीं है।
वहीं उद्धव ठाकरे ने शिवसेना को फिर से मजबूत करने का काम शुरू कर दिया है और इसी कड़ी में उन्होंने कई बागी नेताओं को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया। साथ ही मुंबई, नवी मुंबई, पालघर समेत अन्य जिलों में उद्धव ठाकरे ने 100 से अधिक पदाधिकारियों की नियुक्ति की।जनसत्ता से