अग्निपथ योजना पर सुनवाई के दौरान जस्टिस चंद्रचूड़ ने वकील शर्मा से कहा कि आप वीर हो सकते हैं लेकिन अग्निवीर नहीं। दरअसल शर्मा अकसर पीआईएल फाइल करते रहते हैं।
नई दिल्ली – अग्निपथ योजना के बारे में सुनवाई के दौरान जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ की एक टिप्पणी पर सभी के चेहरे पर मुस्कान आ गई। ऐडवोकेट शर्मा की बात पर प्रतिक्रिया देते हुए जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा, आप वीर हो सकते हैं लेकिन अग्निवीर नहीं हो सकते। जज की हल्की फुल्की बात सुनकर सभी मुस्कराने लगे। बता दें कि शर्मा ने एक पीआईएल फाइल करके इस योजना की संवैधानिक वैधता पर सवाल उठाए थे।
बता दें कि वकील शर्मा अकसर अलग-अलग मामलों में पीआईएल फाइल करते रहते हैं। उन्होंने कहा, जस्टिस चंद्रचूड़ ने जो कुछ गया वो मेरी मेहनत और काम की तारीफ करने के लिए कहा। उन्होंने यह बात इसलिए कही क्योंकि सबसे पहले मैंने ही अग्निपथ योजना के खिलाफ पीआईएल फाइल की थी।
बता दें कि कोर्ट तीन अलग-अलग पीआईएल पर सुनवाई कर रहा था। ये पीआईएल शर्मा, हर्ष अजय सिंह और रवींद्र सिंह शेखावत ने फाइल की थी। बता दें कि अग्निपथ योजना के तहत 17 से साढ़े 21 साल तक के युवाओं की भर्ती होनी है। यह भर्ती चार साल के लीए की जाएगी औऱ इसके बाद 25 फीसदी को आर्मी में परमानेंट किया जाएगा।
सुप्रीम कोर्ट में दाखिल याचिका में कहा गया कि लोग दो साल से एयरफोर्स में भर्ती का इंतजार कर रहे हैं और अब उन्हें डर है कि उनका 20 साल का करियर केवल चार साल का रह जाएगा। सुप्रीम कोर्ट ने सभी पेंडिंग पीआईएल को दिल्ली हाई कोर्ट को ट्रांसफर कर दिया है। जस्टिस चंद्रचूड़, सूर्यकांत और एएस बोपन्ना की बेंच ने केरल हाई कोर्ट, पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट और उत्तराखंड से भी पीआईएल को दिल्ली हाई कोर्ट ट्रांसफर करने को कहा है।