शहर के पश्चिम क्षेत्र स्थित गणेशधाम सिलावटपुरा में चिंतामण गणेश इस बार स्वर्ग महल में 10 दिन तक दर्शन देंगे। तीन लाख के खर्च से बनाए जा रहे 11 लाख मोतियों के 30 बाय 12 फीट के महल को शहर के 12 युवा एक माह से सजा रहे हैं। वे नौकरी और व्यवसाय से समय निकाल और सोशल मीडिया से किनारा कर हर दिन 8 से 12 घंटे सेवाएं दे रहे हैं। इन युवाओं का कहना है कि वे इससे पहले भी कई मंदिरों में भगवान का श्रृंगार और महल का निर्माण कर चुके हैं। इसके लिए वे किसी भी तरह का पारिश्रमिक नहीं लेते हैं।
महल निर्माण में मोतियों के साथ जरी, गोंद, मोती, तिलक, चीड़ का मोती दाना, सिल्वर पाइप, गोल्ड पाइपदाना, चमकीले तारे, रुद्राक्ष, फेविकोल आदि का इस्तेमाल किया गया है। महल का कार्य गणेश चतुर्थी से एक दिन पहले 1 सितंबर की शाम तक पूरा हो जाएगा। दल के प्रमुख कालू सारडा बताते हैं कि इस तरह के बंगले के निर्माण की रूपरेखा मित्रों से चर्चा कर तय की जाती है। पहले इस महल का निर्माण हमें मुश्किल लगा रहा था, लेकिन काम शुरू होने के बाद महल ने आकार ले लिया।
इस कार्य के दौरान हम लोग मोबाइल से दूर रहते हैं और सोशल मीडिया का इस्तेमाल नहीं करते हैं। प्रदीप पाठक ने बताया कि हम इससे पहले भी कई मंदिरों में सेवाएं दे चुके हैं। इसमें पद्मावती वेंकटेश देवस्थान एरोड्रम रोड, लक्ष्मी वेंकटेश देवस्थान छत्रीबाग, कांटाफोड़ मंदिर, मरीमाता स्थित सिद्ध विजय गणेश मंदिर, रणजीत हनुमान मंदिर में बंगले सजा चुके हैं। इसमें फूल बंगला, अनाज बंगला, सावन भादव दर्शन, अमरनाथ की झांकी, इलायची का झूला आदि बना चुके हैं।
इन युवाओं ने सजाया मंगलमूर्ति का दरबार
खजराना गणेश मंदिर के पुजारी जयदेव भट्ट, वेंकटेश मंदिर के स्वामी विष्णुप्रपन्नााचार्य, रणजीत हनुमान मंदिर के पुजारी दीपेश व्यास सहित मंदिर प्रमुख के दिशा-निर्देश में इन युवाओं की टीम सेवाएं देती है। इस टीम में प्रदीप पाठक, कालू सारडा, मुकेश सोलंकी, अर्पित पुरोहित, अंकित पाठक, केशव गोयल, मिथुन सारडा, प्रवीण पोरवाल, प्रभात राठौड़, गोलू दगदी, युवराज सोनी आदि शामिल हैं।