भारत में कई ऐसे सेक्टर हैं जहां नकली उत्पादों से देश को हर साल एक लाख करोड़ रुपए से ज्यादा का नुकसान हो रहा है। लिहाजा ऐसे में इसके बारे में सही जागरुकता फैलाने और इसके खिलाफ समाधान निकालने की जरूरत है। प्रमाणन उद्योग संगठन एएसपीए ने यह बात कही है। आपको बता दें कि इस संगठन के 60 सदस्य हैं।
सालाना 50 हजार करोड़ रुपए की बचत संघ ने ब्रांड, आय और दस्तावेजों की सेफ्टी के लिए टेक्नोलॉजी को अपनाने पर जोर दिया है। ASPA के अध्यक्ष नकुल पासरिचा ने बताया कि ‘नकली उत्पादों से भारत को हर साल करीब 1.05 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। ऐसे में अगर जागरुकता और निगरानी का सही इस्तेमाल करके नकली उत्पादों पर 50 फीसदी भी रोक लगा दी जाए जो भारत को सालाना 50 हजार करोड़ रुपए की बचत हो सकती है।
नई टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल भारत में सबसे ज्यादा नकली दवाईयां बनती हैं। और इस बारे में पासरिचा ने कहा कि सरकार को इस संबंध में उचित कदम उठाने की सख्त जरूरत है क्योंकि नकली दवाइयां आम लोगों की सेहत के लिए बेहद खतरनाक है। बीते कुछ सालों में दुनियाभर में होने वाले व्यापार में नकली सामानों की हिस्सेदारी काफी बढ़ कर 3.3 फीसदी तक पहुंच गई है। ऐसे में अब समय है नकली उत्पादों पर रोक लगाने के लिए नई टेक्नोलॉजी का उपयोग करना। जो टेक्नोलॉजी भारत में फ़िलहाल नहीं है उसे जल्द ही भारत में लाना चाहिए।