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आज मिलेगा क्रिकेट का नया सरताज, वर्ल्ड कप में बदलेगा इतिहास

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विश्व क्रिकेट को आज (रविवार को) लॉर्ड्स के ऐतिहासिक मैदान पर नया सरताज मिलेगा. अब बस देखना यह है कि इंग्लैंड और न्यूजीलैंड में से कौन सी टीम विश्व कप ट्रॉफी उठाने के लम्बे समय के सपने को साकार कर पाती है.

न्यूजीलैंड ने दूसरी बार विश्व कप के फाइनल में जगह बनाई है, जबकि मेजबान इंग्लैंड चौथी बार फाइनल में पहुंचा है. पिछले विश्व कप में ही न्यूजीलैंड ने पहली बार फाइनल में कदम रखा था लेकिन ऑस्ट्रेलिया ने उसको खिताब से महरूम रख दिया था.

पाकिस्तान की टीम से हारे थे अंग्रेज

इंग्लैंड को देखा जाए तो वह 27 साल बाद फाइनल में पहुंची है. 1992 में उसने ग्राहम गूच की कप्तानी में फाइनल खेला था, लेकिन इमरान खान की कप्तानी वाली पाकिस्तान ने उसे विजेता की ट्रॉफी नहीं उठाने दी थी और पहली बार चैम्पियन बनने का गौरव हासिल किया था.

अब दोनों के पास पहली बार विश्व कप जीतने का मौका है, लेकिन किसकी झोली खाली रहती है और किसके हिस्से ट्रॉफी आती है यह तो मैच के दिन ही साफ हो पाएगा.

ऑस्ट्रेलिया और भारत के बाद इंग्लैंड के पास ये मौका

एक रोचक तथ्य यह भी है कि इंग्लैंड के पास तीसरी ऐसी टीम बनने का मौका भी है, जो मेजबान रहते विश्व विजेता बने. भारत ने 2011 में अपने घर में विश्व कप जीता था तब वह अपनी मेजबानी में विश्व कप जीतने वाली पहली टीम बनी थी. ऑस्ट्रेलिया ने 2015 में इसे दोहराया था.

वहीं, विश्व क्रिकेट में 23 साल बाद ऐसा होगा जब विश्व कप कोई ऐसी टीम नहीं जीतेगी, जो पहले जीत चुकी है. 1996 में श्रीलंका ने पहली बार विश्व कप जीता था. तब से लेकर 2015 तक कोई नया विश्व विजेता नहीं बना और वही टीमें विश्व कप जीतती आईं, जो पहले जीत चुकी थीं, लेकिन इस बार इतिहास बदलेगा.

1975 में वेस्टइंडीज ने विश्व कप जीता था. वेस्टइंडीज ने 1979 में भी इंग्लैंड को मात दे विश्व कप अपने पास रखा था, जिसे 1983 में भारत ने छीन लिया था. 1987 में इंग्लैंड को ऑस्ट्रेलिया ने खिताब जीतने से रोक दिया था तो 1992 में पाकिस्तान ने उसे एक बार फिर विश्व विजेता बनने से रोक दिया था.

1996 में श्रीलंका ने ऑस्ट्रेलिया के दूसरी बार विश्व विजेता बनने का सपना तोड़ दिया था, लेकिन 1999 में ऑस्ट्रेलिया ने पाकिस्तान को मात दे दूसरी बार विश्व कप जीता था जिसे 2003 में भारत और 2007 में श्रीलंका को मात दे अपने पास ही रखा था.

2011 में भी दो ऐसी टीमें फाइनल में भिड़ीं थीं जो पहले एक-एक बार विश्व कप जीत चुकी थीं. यहां महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी वाली भारत ने श्रीलंका को मात देकर 28 साल बाद विश्व कप ट्रॉफी उठाई थी. 2015 में ऑस्ट्रेलिया ने न्यूजीलैंड को मात दे एक बार फिर विश्व विजेता का तमगा वापस ले लिया था.

क्या टूटेगा सचिन का रिकॉर्ड?

इसी फाइनल में नजरें सचिन तेंदुलकर के किसी एक विश्व कप में सबसे ज्यादा रन बनाने वाले रिकॉर्ड पर ही रहेंगी, जिसे न्यूजीलैंड के कप्तान केन विलियमसन और जो रूट तोड़ सकते हैं. सचिन ने 2003 विश्व कप में 673 रन बनाए थे.

रूट अगर खिताबी मुकाबले में 125 रन बनाने में सफल होते हैं तो वह सचिन के 16 साल पुराने रिकार्ड को तोड़ने में सफल हो जाएंगे. रूट के अभी तक 549 रन हैं. इसी तरह, अगर विलियमसन ने 126 रनों की पारी खेली तो वह भी अपना नाम स्वर्णिम अक्षरों में दर्ज कराने में सफल होंगे. विलियम्सन ने अभी तक 548 रन अपने खाते में डाल लिए हैं.

रोहित शर्मा का भी रिकॉर्ड

आईसीसी विश्व कप-2019 में तीन बल्लेबाज 600 रनों के आंकड़े को पार कर गए. अभी तक इस विश्व कप में भारत के रोहित शर्मा सबसे ज्यादा रन बनाने वालों की सूची में पहले स्थान पर हैं. उनके नाम 648 रन हैं.

ऑस्ट्रेलिया के डेविड वॉर्नर 647 रनों के साथ दूसरे स्थान पर हैं, लेकिन भारत और ऑस्ट्रेलिया दोनों ही सेमीफाइनल से बाहर हो गई हैं. दोनों इस रिकार्ड के काफी करीब पहुंचे लेकिन वे इसे भेद नहीं सके.

5 शतक और 1 अर्धशतक लगाने वाले रोहित इस रिकॉर्ड से 27 रन दूर रह गए, जबकि 3 शतक और 3 अर्धशतक लगाने वाले वॉर्नर 28 रन दूर रहते हुए स्वदेश वापस लौट गए लेकिन केन और रूट अभी इस रेस में शामिल हैं.