लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Elections 2019) के पांचवें चरण के मतदान के दौरान जम्मू-कश्मीर में बीजेपी नेताओं पर आरोप लगा था कि उन्होंने पार्टी के पक्ष में रिपोर्ट लिखने के लिए लेह में मीडियाकर्मियों को नोटों से भरे लिफाफे दिए थे। इन आरोपों के बाद फैक्ट फाइंडिंग कमेटी ने शुरुआती जांच में घूस देने के आरोपों में सच्चाई पाई जिससे बीजेपी नेताओं की मुश्किलों की बढ़ सकती है। निर्वाचन अधिकारी इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की तैयारी कर रहे हैं।
लेह की डिप्टी इलेक्टशन अफसर अवनी लावासा ने पूरे मामले में जांच के आदेश दिए थे। उन्होंने बताया, ‘हमनें मंगलवार को पुलिस के जरिए कोर्ट से संपर्क किया। हम लोग इस मामले में एफआईआर दर्ज किए जाने के निर्देश का इंतजार कर रहे हैं। इस मामले में कोर्ट से अभी कोई आदेश नहीं आया है।’ डिप्टी इलेक्शन अफसर ने बताया कि बीजेपी नेताओं के खिलाफ आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत आई है लेकिन ये दंडनीय अपराध के दायरे में आता है।
बीजेपी नेताओं पर मीडियाकर्मियों को रिश्वत देने का आरोप
लोकसभा चुनाव के पांचवें चरण में लद्दाख सीट पर मतदान हुआ था। अवनी लवासा के मुताबिक, पुलिस को निर्देश दिया गया है कि या तो एफआईआर दर्ज करें या शिकायत। चुनाव अधिकारी ने बताया कि पुलिस ने इस मामले में कोर्ट का रूख किया था। हम इस मामले में एफआईआर दर्ज करने की मांग कर रहे हैं। अभी तक तीन शिकायतें आई हैं। एक हमारी तरफ से, बाकी दो शिकायतें लेह प्रेस क्लब की तरफ से दर्ज कराई गई हैं।
बता दें कि कि लेह प्रेस क्लब ने चुनाव अधिकारी और एसएचओ के पास अलग-अलग शिकायतें दर्ज कराई थी जिसमें बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष रविंद्र रैना, एमएलसी विक्रम रंधावा समेत कई नेताओं पर मीडियाकर्मियों को घूस देने का आरोप लगा था। हालांकि रविंद्र रैना ने इन आरोपों को खारिज किया है। उनका कहना है कि जो लिफाफे दिए गए थे, उसमें पत्रकारों को आमंत्रित करने के लिए इंविटेशन कार्ड था। उनके मुताबिक, 2000 कार्ड छपवाए गए हैं। इनमें से कुछ मीडियाकर्मियों को भी दिए गए थे।