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कामयाबी का सीक्रेट बता दूंगा तो मुझे IPL में खरीदेगा कौन: एमएस धोनी

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आईपीएल 12 के 41वें मुकाबले में चेन्‍नई सुपर किंग्‍स ने सनराइजर्स हैदराबाद को छह विकेट हराकर प्‍ले-ऑफ में जगह बना ली है. चेन्नई ने अब तक 11 मैच खेले हैं जिनमें से 8 में जीत हासिल की है. मौजूदा सीजन में प्‍ले-ऑफ में पहुंचने वाली पहली टीम चेन्नई ही है. मैच के बाद एक सवाल के जवाब में धोनी ने कहा कि मेरी सफलता का राज बता दूंगा तो मुझे अगले सीजन में कोई नहीं खरीदेगा.

मंगलवार को एम. चिदंबरम स्‍टेडियम में खेले गए इस मैच में चेन्‍नई के कप्‍तान धोनी ने टॉस जीतकर भुवनेश्‍वर कुमार की सनराइजर्स हैदराबाद को पहले बल्‍लेबाजी का न्‍योता दिया. ज‍बकि उसने मनीष पांडे (नाबाद 83), डेविड वॉर्नर (58) और विजय शंकर (26) के सहारे 175/3 का स्‍कोर बनाकर अच्‍छी चुनौती पेश की. लेकिन चेन्‍नई ने अपने घरेलू मैदान पर शेन वॉटसन (96) के दम पर विरोधी को छह विकेट से पस्‍त कर दिया. इस मैच में जीत के साथ चेन्‍नई सुपर किंग्‍स के प्‍ले-ऑफ में पहुंचने के बजाए मैच के बाद धोनी के दिए गए बयान की ज्‍यादा चर्चा हो रही है.

धोनी का बयान बना चर्चा का कारण
मैच में जीत के बाद हर्षा भोगले ने धोनी से पूछा, ‘आप बार-बार चेन्नई सुपर किंग्‍स को को प्‍ले-ऑफ में कैसे पहुंचा देते हैं, इसका राज़ क्या है?

धोनी जवाब देते हुए कहा, ‘अगर मैं ये सबको बता दूंगा तो वो (चेन्नई) मुझे नीलामी में नहीं ख़रीदेंगे. यह एक ट्रेड सीक्रेट है.’

इस दौरान धोनी के चेहरे पर मुस्‍कान देखने लायक थी. वहीं उन्‍होंने टीम की कामयाबी के लिए सपोर्ट स्‍टाफ को भी श्रेय दिया है.

उन्‍होंने कहा, ‘टीम की जीत में दर्शकों और सपोर्ट स्टाफ का अहम योगदान रहता है जो टीम का माहौल अच्छा रखते हैं. इसके अलावा मैं कोई खुलासा नहीं कर सकता, कम से कम जब तक मैं रिटायर नहीं होता.’

बहरहाल, चेन्नई सुपर किंग्स ने मौजूदा सीजन में अब तक अपने घरेलू स्टेडियम में पांच मैच खेले हैंऔर उसे हर बार जीत मिली है. यकीनन यही उसकी कामयाबी का सबसे बड़ा फॉर्मूला है.

चेन्‍नई और आईपीएल
चेन्‍नई को आईपीएल के पहले संस्‍करण 2008 में राजस्‍थान रॉयल्‍स से हार मिली. जबकि 2009 में वह दूसरे सेमीफाइनल में आरसीबी से हार कर बाहर हो गई. 2010 में चैंपियन बनकर इस टीम ने अपना दम दिखाया. वहीं, 2011 में खिताब बचाकर चेन्‍नई ने अपनी बादशाहत साबित कर दी. 2012 में केकेआर ने अपना पहला खिताब जीता और हारने वाली टीम चेन्‍नई सुपर किंग्‍स रही. 2013 में धोनी की टीम ने फाइनल में जगह बनाई और इस बार वह रोहित शर्मा की जोशीली मुंबई इंडियंस से पिट गई.

2014 में एक बार फिर केकेआर ने गौतम गंभीर की कप्‍तानी में दम दिखाया. हालांकि उसके सामने किंग्‍स इलेवन पंजाब टीम थी. जबकि चेन्‍नई को एलिमिनेटर 2 में पंजाब के हाथों हार मिली थी. 2015 में भी धोनी की टीम ने दमदार प्रदर्शन किया और इस बार भी उसने फाइनल में जगह बनाई, लेकिन रोहित शर्मा एक बार फिर भारी पड़ गए. मुंबई ने अपना दूसरा खिताब जीता.

दो साल के बैन के बाद वापसी
2016 और 2017 में यह टीम बैन के कारण आईपीएल से बाहर रही. जबकि राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स के साथ धोनी का कप्‍तानी दांव ज्‍यादा सफल नहीं रहा. यही वजह रही कि 2017 में टीम मैनेजमेंट ने उनकी जगह स्‍टीवन स्मिथ को कप्‍तानी सौंप दी और टीम ने फाइनल में जगह बनाकर अपनी ताकत साबित की. हालांकि मुंबई ने फाइनल में उसे एक रन से हराकर अपना तीसरा खिताब जीत लिया. इसके बाद 2018 में एक बार फिर चेन्‍नई सुपर किंग्‍स धोनी के नेतृत्‍व में मैदान में उतरी और चैंपियन बनकर अपने समर्थकों में जोश भर दिया. जबकि 2019 में वह प्‍ले-ऑफ में पहुंचने वाली पहली टीम बन गई और उसके अभी तीन लीग मैच बाकी हैं. यकीनन धोनी में कोई तो ऐसी खास बात है जो टीम में नया जोश भर देती है.