पुलवामा हमले के बाद बालाकोट में भारतीय वायुसेना की कार्रवाई के अगले ही दिन पाकिस्तान ने जवाब देने के लिए एफ-16 विमान का इस्तेमाल किया था. इसे भारतीय वायुसेना ने मार गिराया था. इसके बाद भारत ने अमेरिका से मामले की जांच की मांग की. इस मांग के करीब दो महीने बाद पता चला है कि अमेरिका उसके रक्षा उपकरणों की बिक्री शर्तों के उल्लंघन और पाकिस्तान की ओर से भारत पर हमले के लिए इस्तेमाल की अब भी जांच कर रहा है.
इससे अमेरिकी मैगजीन का वह दावा भी आधारहीन साबित हो गया है, जिसमें कहा गया था कि पाकिस्तान से एक भी एफ-16 विमान गायब नहीं है. सभी लड़ाकू विमान सही सलामत हैं. साथ ही पाकिस्तान का झूठ भी बेनकाब हो गया है. अमेरिका इस मामले पर अब तक चुप्पी साधे है. उसका कहना है कि रक्षा सौदाें में द्विपक्षीय समझौते के तहत यह नीतिगत मामला है. लिहाजा इस मसले पर सार्वजनिक टिप्पणी नहीं की जा सकती.
भारत ने 9 मार्च को बताया था, ”हमने अमरिका से जांच की मांग की है कि क्या एफ-16 का भारत पर हमले के लिए इस्तेमाल करना बिक्री शर्तों के खिलाफ है?” भारत ने कहा था कि इस हमले के कई चश्मदीद है. उनमें एक एफ-16 विमान को मार गिराने वाले विंग कमांडर अभिनंदन भी हैं. इसके अलावा पाकिस्तान में एफ-16 विमान में इस्तेमाल की जाने वाली अमराम मिसाइल की तस्वीरें भी मीडिया में दिखाई जा चुकी हैं. साथ ही कुछ इलेक्ट्रॉनिक साक्ष्य भी मौजूद हैं.
भारतीय वायुसेना ने बताया था कि बालाकोट में आतंकी कैंप पर की गई कार्रवाई के अगले दिन पाकिस्तान ने एक-16, जेएफ-17 और मिराज 3/5 विमानों को भारत पर हमले के लिए रवाना किया था, जिन्हें हमारे राडार ने पकड़ लिया था. वहीं, पाकिस्तान का कहना है कि भारत एफ-16 को मार गिराने का झूठा दावा कर रहा है. साथ ही दावा किया था कि मीडिया में दिखाई गई अमराम मिसाइल ताइवान की है. ताइवान ने पाकिस्तान के दावे को खारिज करते हुए कहा कि बिना अमेरिका की मंजूरी के उसे किसी तीसरे देश को अमराम मिसाइल बेचने की अनुमति नहीं है.