बिलासपुर। नक्सलियों के कथित मददगार व नेशनल जियाफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (भू-गर्भ विज्ञान अनुसंधान इकाई) में पदस्थ अफसर वेंकट राव उर्फ नक्का मूर्ति को एनआइए कोर्ट ने जमानत दे दी है। आरोपित के खिलाफ 90 दिन के भीतर चालान पेश नहीं करने के आधार पर कोर्ट ने डिफाल्ट बेल दिया है।
आरोपित एन वेंकट राव भारत सरकार के हैदराबाद स्थित नेशनल जियोफिजिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट (भू-गर्भ विज्ञान अनुसंधान इकाई) में राजपत्रित अधिकारी रहे हैं। उन पर 38 सालों से नक्सलियों के शहरी नेटवर्क के लिए काम करने का आरोप है। समय-समय पर नक्सलियों को बारूद की सप्लाई भी करने का आरोप है।
पुलिस ने आरोपित के पास से वायरलेस सेट, डेटोनेटर और नक्सली साहित्य व पत्र वगैरह भी बरामद किया था। नक्सलियों के बीच वह नक्का मूर्ति के रूप में जाने जाते हैं। विभिन्न सूत्रों और आत्मसमर्पित नक्सली पहाड़ सिंह के जरिए पुलिस को यह जानकारी मिली थी कि एन मूर्ति नाम का व्यक्ति बाइक से आता है और नक्सलियों को जरूरी सामान पहुंचाता है।
नक्सलियों के बड़े लीडर से उसकी लंबी मीटिंग भी होती रही है। पुलिस ने सूचना के आधार पर चेक पोस्ट लगाकर राजनांदगाव के बागनदी क्षेत्र के चाबुकनाला मोड़ से एन मूर्ति दिसंबर 2018 में पकड़ा गया था। पूछताछ में आरोपित ने जानकारी दी थी कि वह नक्सलियों के गुरिल्ला जोन को लॉजिस्टिक सपोर्ट करता है। उन्हें हथियार और बारूद भी उपलब्ध कराता है। अपने पद का का फायदा उठाकर वह 38 सालों से पुलिस से बचता रहा है।
पीएम मोदी की हत्या की साजिश रचने वालों से भी है पहचान
आरोप है कि एन मूर्ति उर्फ वेंकट राव ने पुलिस के सामने स्वीकार किया है कि वह सिर्फ बड़े नक्सली लीडरों से संपर्क रखता था। वह सेंट्रल कमेटी के प्रेसिडेंट देवजी, सदस्य दीपक तेलतुंबड़े और एमएमसी के लीडरों से भी मिलता रहा है। उन्हें बारूद और अन्य सामान पहुंचाता था।
आरोपित एन मूर्ति ने पीएम नरेंद्र मोदी की हत्या की साजिश में गिरफ्तार आरोपित सुधा भारद्वाज, वरवरा राव, गौतम नवलखा, अरुण फरेरा, वेरनन गोंजाल्विस, आनंद तेलतुंबड़े, फादर स्टेन स्वामी और सुसान अब्राहम से भी परिचित है।