इंदौर। साल के शुरुआती दो माह में प्रदेश सहित पूरे देश में मिली स्वाइन फ्लू पॉजिटिव मरीजों की संख्या ने स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। नेशनल सेंटर फॉर डिसीज कंट्रोल (एनसीडीसी) दिल्ली से जारी तीन मार्च तक के डेटा के अनुसार देश में 17366 स्वाइन फ्लू पॉजिटिव पाए गए हैं। इनमें से 530 मरीजों की मौत हो चुकी है। वहीं मध्यप्रदेश में 283 पॉजिटिव मरीजों में से 57 की मौत हुई है।
शुरुआती दो माह में सबसे अधिक मरीज राजस्थान में मिले हैं जिनकी संख्या 4317 है। वहां के स्वास्थ्य विभाग ने इसके बढ़ते प्रभाव को देखते हुए नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वॉयरोलॉजी में वायरस के बदलाव की पहचान करने के लिए सैंपल भेजे हैं। मध्यप्रदेश में अभी तक ऐसा कोई प्रयास नहीं हो पाया है।
मरीजों की संख्या बढ़ने के बाद भी मध्यप्रदेश में इस वायरस के नए स्वरूप की पहचान के लिए कोई प्रयास नहीं किया जा रहा। प्रदेश में रोजाना स्वाइन फ्लू के मरीज मिल रहे हैं। प्रदेश में सबसे अधिक पॉजिटिव मरीज इंदौर में मिले हैं। फ्लू से सबसे अधिक मौत भी इंदौर में ही हुई है।
एमजीएम मेडिकल कॉलेज इंदौर के रिटायर्ड प्रोफेसर डॉ. ज्ञानेश शुक्ला के अनुसार स्वाइन फ्लू के वायरस ने अपना क्षेत्र मजबूत कर लिया है, वहीं इसके लक्षण भी अचानक सामने आ रहे हैं। विदेश में स्वाइन फ्लू के एच1 एन1 वायरस की पहचान होने के बाद इसके दो नए टाइप एच2 एन2 व एच3 एन2 को भी खोजा गया है। इसलिए हमारे यहां भी राष्ट्रीय स्तर की लैब में इसकी विस्तृत जांच होना जरूरी है।
10 राज्यों में नहीं मिला एक भी मरीज
– अंडमान निकोबार
– अरुणाचल प्रदेश
– दमन एंड दीव
– लक्षद्वीप
– मणिपुर
– मिजोरम
– नागालैंड
– सिक्किम
– प. बंगाल
अभी तक जानकारी नहीं
अभी तक हमारे पास एच1एन1 ही डिटेक्ट हो रहा है। हमारे पास वायरस की प्रकृति की जानकारी नहीं आती। यह एम्स भोपाल के डॉक्टर ही बता सकते हैं। इसके बदले स्वरूप के वायरस की पहचान होने की जानकारी नहीं है। -डॉ. प्रमोद गोयल, प्रदेश प्रभारी, आईडीएसपी शाखा