सिंगापुर। ग्लोबल कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे में भारत शीर्ष पर है। यह जानकारी ताजा कॉन्फ्रेंस बोर्ड ग्लोबल कंज्यूमर कॉन्फिडेंस सर्वे में सामने आई है, जिसे नेलसन के सहयोग से किया गया है। इंटरनेट पर किए गए सर्वे में एशिया-पैसेफिक, यूरोप, लैटिन अमेरिका, मध्यपूर्व, अफ्रीका और उत्तरी अमेरिका के 64 देशों को 32 हजार से अधिक उपभोक्ताओं ने मतदान किया था।
साल 2018 की चौथी तिमाही में भारत का कंज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स (CCI) स्कोर 133 था, जबकि फिलीपीन्स का स्कोर 131 और इंडोनेशिया का स्कोर 127 था। तीसरी तिमाही से भारत ने अपना पहला स्थान कायम रखा है, जब उसने इंडेक्स में 130 का स्कोर हासिल किया था, जबकि 126 समान अंकों के साथ फिलीपीन्स और इंडोनेशिया चौ थे स्थान पर थे।
दक्षिण कोरिया को लेकर दुनिया में सबसे अधिक निराशावादी उपभोक्ता हैं। वहां के लोग बढ़ती महंगाई, कम वेतन वृद्धि, कमजोर शेयर बाजार, बेरोजगारी और वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं को लेकर चिंतित हैं। इस दौरान ग्लोबल कंज्यूमर कॉन्फिडेंस इंडेक्स साल 2018 के चौथी तिमाही में एक अंक की बढ़ोतरी होकर यह 107 अंक हो गई, जो कि 14 साल में सबसे ज्यादा है।
कॉन्फ्रेंस बोर्ड CCI द्वारा मापे गए मुख्य संकेतक में नौकरी की संभावनाओं और 12 महीनों में व्यक्तिगत वित्त के स्वास्थ्य और खर्च करने का इरादा शामिल किया गया था। वैश्विक स्तर पर नौकरी की संभावनाओं और व्यक्तिगत आय की स्थित के बारे में उपभोक्ताओं की धारणा सकारात्मक बनी हुई है। मगर, तेल की बढ़ी हुई कीमतों के कारण मुद्रास्फीति के दबाव पैदा होने, वैश्विक व्यापार के संबंध में अनिश्चितता, मुद्रा के गिरने और उधार लेने पर बढ़ती ब्याज दरों की वजह से खर्च के प्रति उपभोक्ता की भावना कम आशावादी बनी हुई हैं।
उत्तरी अमेरिका इस मामले में अपवाद है, जहां कंज्यूमर कॉन्फिडेंस वर्षों से अपने उच्चतम स्तर पर है। मगर, विकसित अर्थव्यवस्थाएं आमतौर पर इस मामले में कम आशावादी हैं। CCI जहां 100 अंकों को सकारात्मक मानता है। यूरोपीय उपभोक्ता 90 अंकों से नीचे के औसत स्कोर के साथ कम से कम आशावादी हैं। वहीं, उनके एशियाई और उत्तरी अमेरिकी समकक्षों ने अधिक उत्साहित होने का रुझान दिया। लैटिन अमेरिका, मध्य पूर्व और अफ्रीका में उपभोक्ता सावधानीपूर्वक आशावादी हैं, लेकिन सभी क्षेत्रों में पिछले वर्ष में कंज्यूमर कॉन्फिडेंस में सुधार देखा गया है।
सर्वे से पता चलता है कि एशिया-प्रशांत में CCI तीन अंक बढ़कर 117 हो गया है। चीन, भारत, इंडोनेशिया और जापान जैसे प्रमुख बाजारों में सुधार हुआ है। हालांकि, एशिया-प्रशांत के लिए CCI आमतौर पर अच्छा है। मगर, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, सिंगापुर और हांगकांग जैसे अधिक परिपक्व अर्थव्यवस्था में लोग अपने खर्च के बारे में अधिक सतर्क हैं। इन देशों में कंज्यूमर बिजनेस के लिए अच्छे अवसर हैं।