Vat Savitri Vrat – ज्येष्ठ माह सुहागिन महिलाओं के लिए अधिक महत्वपूर्ण होता है। इसका कारण है वट सावित्री व्रत। दरअसल, ज्येष्ठ मास की अमावस्या तिथि पर वट सावित्री का पर्व मनाया जाता है। इस दिन महिलाएं पति की लंबी उम्र व तरक्की के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। मान्यता है कि इस दिन देवी सावित्री ने यमराज से पति सत्यवान के प्राण वापिस ले लिए थे। इस पर्व में मुख्य रूप से वट वृक्ष की पूजा की जाती है। कहा जाता है कि इस पेड़ में ब्रह्मा, विष्णु और शिव जी का वास होता है। इसलिए इसकी उपासना करने से तीनों देवताओं का आशीर्वाद प्राप्त होता है। इस साल 26 मई 2025 को वट सावित्री का व्रत रखा जाएगा। इस तिथि पर भरणी नक्षत्र के अलावा शोभन व अतिगण्ड योग का संयोग रहेगा। वहीं इस दिन पूजा के लिए तीन शुभ मुहूर्त बन रहे हैं। आइए इनके बारे में जानते हैं।
वट सावित्री व्रत 2025 पूजा का शुभ मुहूर्त
पहला शुभ मुहूर्त
सुबह 8 बजकर 52 मिनट से लेकर 10 बजकर 25 मिनट तक शुभ चौघड़िया मुहूर्त बन रहा है।
दूसरा शुभ मुहूर्त
सुबह 11 बजकर 51 मिनट से दोपहर 12 बजकर 46 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त बना रहेगा।
तीसरा शुभ मुहूर्त
वट सावित्री व्रत के दिन दोपहर में 3 बजकर 45 मिनट से 5 बजकर 28 मिनट तक भी पूजा का शुभ योग बन रहा है।
वट सावित्री पंचांग
- नक्षत्र- भरणी 08:23 तक
- योग- शोभन 07:01 तक
- योग- अतिगण्ड 26:54 तक
- करण- शकुनि 12:11 तक
- करण- चतुष्पाद 22:21 तक
- सूर्य- वृषभ तक
- चन्द्र- वृषभ 13:40 तक
- गुलिक-14:01-15:44 तक
- अमृतकाल- 27:25-28:50