यूरेनियम के दम पर दुनिया में छायेगा राजस्थान: राजस्थान के सीकर जिले के खंडेला इलाके के रोहिल में 27 साल पहले खोजे गये यूरेनियम के भंडार के बाद अब उसका खनन शुरू होगा. प्रारंभिक अनुमान के अनुसार यहां 12…
जयपुर. खनिज के मामले में देश में अपना दमखम दिखाने वाला राजस्थान अब बेहद महत्वपूर्ण और दुर्लभ खनिज यूरेनियम खनन के मामले में भी देशभर में अपनी छाप छोडे़गा. राजस्थान में सीकर के खंडेला इलाके के रोहिल मिले यूरेनियम भंडार से उत्खनन के लिए एलओआई जारी कर दी गई है. इसके बाद राजस्थान में 1086.46 हैक्टेयर में यूरेनियम खनन शुरू होगा. राजस्थान में इंवेस्टिगेशन के बाद 12 मिलियन टन यूरेनियम और एसोसिएटेड मिनरल्स भंडार मिले थे. राजस्थान का यूरेनियम भंडार की लिस्ट में देश में तीसरा नंबर है. यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया की ओर से इसमें करीब 3 हजार करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा. इसके साथ ही करीब 3 हजार लोगों को प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रोजगार मिलेगा.
खान मंत्री प्रमोद जैन भाया के मुताबिक राज्य सरकार ने सीकर जिले की खंडेला तहसील के रोहिल में यूरेनियम खनन के लिए यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया को खनन पट्टा की लेटर ऑफ इंटेट एलओआई जारी कर दी है. देश में झारखंड और आंध्र प्रदेश के बाद राजस्थान के सीकर जिले की खंडेला तहसील के रोहिल में 1086.46 हैक्टेयर क्षेत्र में यूरेनियम के विपुल भण्डार मिले हैं.
करीब 12 मिलियन टन यूरेनियम के भंडार संभावित है
विभाग की ओर से यूरेनियम कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया के आवेदन पर यूरेनियम और एसोसिएटेड मिनरल्स के खनन के लिए एलओआई जारी की गई है. प्रारंभिक अनुमानों के अनुसार इस क्षेत्र में करीब 12 मिलियन टन यूरेनियम के भंडार संभावित है. देश में अभी तक झारखंड के सिंहभूमि के जादूगोडा और आंध्र प्रदेश में यूरेनियम का उत्खनन किया जा रहा है. आवश्यक औपचारिकताएं पूरी करने के बाद राजस्थान में भी खनिज का खनन आरंभ हो जाएगा.
दुनिया के दुर्लभ खनिजों में से एक है यूरेनियम
यूरेनियम दुनिया के दुर्लभ खनिजों में से एक माना जाता है. परमाणु उर्जा के लिए यूरेनियम बहुमूल्य खनिज है. यूरेनियम खनन क्षेत्र में आगे बढ़ने के साथ ही प्रदेश के विश्वपटल पर भी छायेगा. इसके साथ ही निवेश, राजस्व और रोजगार के नए अवसर खुलेंगे. कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने माइंस विभाग की समीक्षा बैठकों के दौरान प्रदेश में खनिज भंडारों की चर्चा करते हुए खनिज खोज और खनन गतिविधियों को विस्तारित करने पर जोर दिया था. इसी के तहत प्रदेश में यूरेनियम के खोज कार्य को गति दी गई थी. अब यूरेनियम उत्खनन की एलओआई जारी कर माइंस के क्षेत्र में नया माइलेज प्राप्त कर लिया है.
यूरेनियम का बिजली बनाने में प्रमुखता से उपयोग किया जाता है. परमाणु उर्जा में बिजली बनाने में भी यूरेनियम का उपयोग किया जाता है. इसके अलावा दवा, रक्षा उपकरणों और फोटोग्राफी सहित अन्य में भी यूरेनियम का प्रमुखता से उपयोग होता है. दुनिया में सर्वाधिक यूरेनियम का उत्पादन कजाकिस्तान, कनाडा और आस्ट्रेलिया में होता है. इसके अलावा निगेर, रुस, नामीबिया, उज्बेकिस्तान, यूएस और यूक्रेन में भी यूरेनियम खनिज मिला है.
दुनिया के नक्शे पर प्रमुखता से उभरकर सामने आया राजस्थान
खान मंत्री प्रमोद जैन भाया ने यूरेनियम के उत्खनन की एलओआई जारी करने पर कहा कि राजस्थान दुनिया के नक्शे पर प्रमुखता से उभरकर सामने आ गया है. उन्होंने यूरेनियम के उत्खनन के निर्णय को प्रदेश की माइनिंग क्षेत्र की बड़ी उपलब्धि बताया है. खंडेला के रोहिल में 1086.46 हैक्टेयर क्षेत्र में खनन के लिए एलओआई जारी की गई है. इसके साथ ही इसके सह उत्पादों के आधार पर क्षेत्र में सह उद्योग की स्थापना की राह भी प्रशस्त होगी. खान मंत्री ने बताया कि अब यूरेनियम कॉरपोरेशन इंडिया की ओर से परमाणु उर्जा विभाग, परमाणु खनिज अन्वेषण एवं अनुसंधान निदेशालय हैदराबाद से खनन योजना अनुमोदित कराकर प्रस्तुत की जाएगी.
खान विकास एवं उत्पादन करार एमडीपीए के समय खनिज रिजर्व मूल्य 0.50 प्रतिशत राशि परफारमेंस सिक्यूरिटी बैंक गांरटी के रूप में दी जाएगी. भारत सरकार के पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन से ईसी प्रस्तुत लेनी होगी. वहीं 69.39 हैक्टेयर चरागाह भूमि का राजस्व विभाग से अनापत्ति प्रमाण-पत्र भी लेना होगा.