बलरामपुर – जिले के लहसुन पाट में आज सुबह ओले गिरे हैं और कई इलाकों में बारिश भी हुई। वहीं गरज चमक के साथ बिजली-ओले गिरने का अलर्ट है। वहीं रायपुर, दुर्ग, बिलासपुर, सरगुजा और बस्तर संभाग के जिलों में हल्की बारिश की संभावना है। प्रदेश से होकर गुजर रही टर्फ लाइन (द्रोणिका) और वेस्टर्न डिस्टरबेंस के कारण समुद्र से नमी आ रही है। इसके असर से रायपुर में गर्मी में थोड़ी कमी आई है। गुरुवार को 38.8 डिग्री अधिकतम तापमान के साथ दुर्ग सबसे गर्म रहा। वहीं 18.7 डिग्री न्यूनतम तापमान के साथ अंबिकापुर सबसे ठंडा रहा।
छत्तीसगढ़ में 21 और 22 मार्च को गरज-चमक के साथ बारिश, तेज हवा और ओलावृष्टि हो सकती है. 23 मार्च से मेघ गर्जन की गतिविधि में कमी आने की संभावना है, जिससे मौसम धीरे-धीरे शुष्क होने लगेगा. छत्तीसगढ़ में अगले कुछ दिनों तक मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिलेगा. मौसम वैज्ञानिक HP चंद्रा के अनुसार, पश्चिमी विक्षोभ और द्रोणिका तंत्र के प्रभाव से प्रदेश के कई हिस्सों में बारिश, गरज-चमक, अंधड़ और ओलावृष्टि की संभावना बनी हुई है. बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी इस बदलाव को और तेज कर सकती है. आगामी दिनों में प्रदेश में अधिकतम तापमान में गिरावट दर्ज की जा सकती है, जिससे लोगों को भीषण गर्मी से कुछ राहत मिलेगी.
प्रदेश में एक सक्रिय पश्चिमी विक्षोभ 3.1 किमी ऊंचाई पर 70° पूर्व और 30° उत्तर अक्षांश के साथ मध्य क्षोभमंडल में स्थित है. इसके अलावा, एक द्रोणिका दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश से ओडिशा तक 0.9 किमी ऊंचाई तक फैली हुई है. दूसरी द्रोणिका मराठवाड़ा से तमिलनाडु तक 0.9 किमी ऊंचाई तक विस्तारित है. एक अन्य चक्रवाती परिसंचरण दक्षिण-पश्चिम मध्य प्रदेश से छत्तीसगढ़ होते हुए उत्तरी ओडिशा तक फैला हुआ है.