बिलासपुर – प्रदेश में बीते दो दिन पूर्व एंबुलेंस नहीं मिलने से मरीज की मौत का मामला सामने आया था। इस मामले को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने संज्ञान लेते हुए सुनवाई शुरू कर दी है। हाईकोर्ट में सुनवाई चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा व जस्टिस रवींद्र अग्रवाल के बेंच में हुई। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कई सवाल उठाए साथ ही सख्ती दिखाते हुए कहा कि आखिर जिम्मेदार अफसर क्या करते हैं। लोगों को शासन की योजनाओं का लाभ क्यों नहीं मिल रहा। कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग के सचिव को हलफनामा पेश करने निर्देश दिए है।
बता दें, मामला दंतेवाड़ा का है। जहां पर दो दिन पूर्व एंबुलेंस नहीं मिलने के मरीज की मौत हो गई। इस पर मरीज के परिजनों ने मीडिया के सामने आकर बताया कि लगातार 108 को कॉल करने के बाद भी एंबुलेंस 11 घंटे बाद पहुंची।
मरीज सुबह से तकलीफ से तड़प रहा था लेकिन पूरा दिन गुजर गया और मरीज की मौत हो गई।
इसके अलावा बिलासपुर रेलवे स्टेशन में कैंसर पीड़ित महिला का शव ले जाने के लिए एंबुलेंस नहीं मिलने का भी मामला आया था। इन मामलों को गंभीरता से लेते हुए हाईकोर्ट ने स्वयं संज्ञान लिया।
चीफ जस्टिस ने सुनवाई शुरू कर दी। कोर्ट ने साफ तौर पर स्वास्थ्य विभाग के सचिव को सवालों के जवाब हलफनामा दायर करने के आदेश दिए है।
हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने इस तरह की असुविधाओं से लोगों को हो रहे तकलीफ पर सवाल किए। उन्होंने कहा कि सरकार की योजनाओं का लाभ जनता को नहीं मिल पा रहा है।
ऐसे में जो जिम्मेदार अफसर है वो कहां है। कोर्ट ने स्वास्थ्य विभाग पर नाराजगी जताई। इसके अलावा रेलवे अस्पताल प्रबंधन पर भी सवाल उठाए और स्ट्रेचर नहीं मिलने पर अस्पताल प्रबंधन से भी नाराजगी जताई।