झंगलू :- भइया मंगलू , होली के का महत्व हे तोर नजर में
मंगलू :- कोई महत्व नइ हे , सिवाय दारू के । ये आय केवल दारू पीने – पिलाने अउ दारू बेचने वाला मन के तिहार * इतना दारू पीथें अउ इतना दारू बिकथे कि बन जथे नवा – नवा रिकॉर्ड । एव्हरी बडी वांट्स दारू , एती ओती से करथें जुगाड़ , पाय बर दारू * होली इस द फेस्टिवल आफ दारू , नो फेस्टिवल विदाउट दारू