Home छत्तीसगढ़ मुकेश चंद्राकर की हत्या का अरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर गिरफ्तार! पुलिस ने...

मुकेश चंद्राकर की हत्या का अरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर गिरफ्तार! पुलिस ने हैदराबाद से दबोचा: सूत्र

53
0

रायपुर – पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है। सूत्रों के हवाले खबर आ रही है कि मामले के आरोपी ठेकेदार सुरेश चंद्राकर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। बताया जा रहा है कि आरोपी सुारेश को पुलिस की टीम ने हैदराबाद से गिरफ्तार किया है। बताया जा रहा है कि आरोपी हैदराबाद से भी बाहर भागने की फिराक में था, लेकिन उससे पहले पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया।

फिलहाल सुरेश चंद्राकर की गिरफ्तारी की अधिकारिक पुष्टि होना बाकी है।दूसरी ओर पत्रकार मुकेश चंद्राकर की हत्या के मामले में पुलिस ने संदेही रितेश चंद्राकर को रायपुर एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया है। सूत्रों की मानें तो रितेश चंद्राकर आखिरी फ्लाइट से दिल्ली भागने की फिराक में था, लेकिन इससे पहले पुलिस ने क्राइम ब्रांच की टीम की मदद से उसे धर दबोचा है। फिलहाल मामले में अधिकारिक पुष्टि होनी बाकी है। बता दें कि संदेही रितेश चंद्राकर ठेकेदार सुरेश चंद्राकर का भाई है। सुरेश चंद्राकर ठेकेदार होने के साथ-साथ कांग्रेस का नेता भी है, जो पीसीसी चीफ दीपक बैज सहित कई बड़े कांग्रेस नेताओं का करीबी माना जाता है।

बता दें कि बस्तर के युवा और साहसी पत्रकार मुकेश चंद्राकर का शव बीजापुर के चट्टानपारा में एक सड़क ठेकेदार के घर के सेप्टिक टैंक में मिला। उनके माथे पर चोट के गहरे निशान थे, जिससे हत्या का संदेह गहराता है। बताया जा रहा है कि मुकेश का हाल ही में एक सड़क ठेकेदार से विवाद हुआ था। मुकेश के परिवार ने बताया कि वह 1 जनवरी को घर से निकले थे और उसके बाद वापस नहीं लौटे। परिजनों ने उनकी गुमशुदगी की रिपोर्ट पुलिस में दर्ज कराई थी। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच शुरू की और पूछताछ के दौरान ठेकेदार के घर की तलाशी ली। इसके बाद सेप्टिक टैंक से मुकेश का शव बरामद किया गया।

मुकेश चंद्राकर बस्तर के नक्सल प्रभावित इलाकों में साहसिक रिपोर्टिंग के लिए जाने जाते थे। उनका यूट्यूब चैनल ‘बस्तर जंक्शन’ पूरे देश में लोकप्रिय था। वह नक्सल मामलों, जनअदालतों और आदिवासी समुदाय से जुड़े मुद्दों को बेबाकी से सामने लाते थे। मुकेश ने न केवल पत्रकारिता में अपनी पहचान बनाई, बल्कि एक डीआरजी जवान की नक्सलियों से सुरक्षित रिहाई में भी अहम भूमिका निभाई। उनकी निडर पत्रकारिता और अद्वितीय रिपोर्टिंग ने उन्हें बस्तर के ग्रामीणों के बीच बेहद लोकप्रिय बनाया था।