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मधेश्वर पहाड़ बना ‘लार्जेस्ट नेचुरल शिवलिंग’, गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में नाम दर्ज

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रायपुर  – छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले में स्थित मधेश्वर पहाड़ को शिवलिंग की विश्व में सबसे बड़ी प्राकृतिक प्रतिकृति के रूप में मान्यता मिली है. इस ऐतिहासिक उपलब्धि को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में स्थान मिला है. रिकॉर्ड बुक में ‘लार्जेस्ट नेचुरल फैक्सिमिली ऑफ शिवलिंग’ के रूप में मधेश्वर पहाड़ को दर्ज किया गया है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि के लिए प्रदेशवासियों को बधाई दिया है.

सीएम साय को सौंपा वर्ल्ड रिकार्ड का सर्टिफिकेट

गोल्डन बुक ऑफ रिकॉर्ड के प्रतिनिधि हेमल शर्मा और अमित सोनी ने मुख्यमंत्री साय से आज बुधवार को मंत्रालय स्थित उनके कार्यालय में मुलाकात की. इस दौरान उन्होंने मुख्यमंत्री साय को वर्ल्ड रिकार्ड का सर्टिफिकेट सौंपा. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस उपलब्धि को प्रदेश के पर्यटन की उपलब्धियों में एक नया आयाम बताया है.

easemytrip में किया गया शामिल
हाल ही में पर्यटकों के बीच लोकप्रिय पर्यटन वेबसाईट
https://www.easemytrip.com में जशपुर जिले को शामिल किया गया है. जिले के लिए यह एक और बड़ी उपलब्धि है. इस वेबसाइट में शामिल होने वाला जशपुर छत्तीसगढ़ का पहला जिला है. इससे पर्यटन प्रेमियों को जशपुर के नैसर्गिक स्थलों की जानकारी आसानी से उपलब्ध होगी. साथ ही यहां पर्यटन को और अधिक बढ़ावा मिलेगा ।
प्रकृति और आस्था का संगम है मधेश्वर पहाड़
 जशपुर जिले के कुनकुरी ब्लॉक में मयाली गांव से 35 किलोमीटर दूर मधेश्वर पहाड़ स्थित है. यह शिवलिंग के आकार की अपनी अद्भुत प्राकृतिक संरचना की वजह से प्रसिद्ध है. यह स्थान लोगों के धार्मिक आस्था का केंद्र है. स्थानीय लोग इसे विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग के रूप में पूजते हैं.