जांजगीर – जिले में 2.67 करोड़ रुपए की ठगी के मामले में राजस्थान के धौलपुर के पूर्व बसपा विधायक बनवारी लाल कुशवाहा दोषी पाए गए हैं। इस मामले में जांजगीर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने कुशवाहा को 7 साल जेल की सजा सुनाई है। कुशवाहा के अलावा शिवराम कुशवाहा, बाल किशन कुशवाहा, जितेंद्र कुमार व विजेंद्र पाल सिंह के खिलाफ भी मामला दर्ज हुआ था। ये चारों पुलिस की पकड़ से दूर हैं।
जिला अभियोजन अधिकारी नंद कुमार पटेल ने बताया कि राजस्थान की चिटफंड कंपनी गरिमा होम रियल स्टेट एवं एलाइड कंपनी ने जांजगीर-चांपा जिले के चांपा के लायंस चौक पर अपना दफ्तर खोला था। कंपनी के झांसे में आकर क्षेत्र के कुछ लोग उससे जुड़ गए। कंपनी ने एजेंट के माध्यम रकम जमा कराकर पांच साल में रकम दोगुना करने का झांसा दिया। इस तरह करीब 2 करोड़ 67 लाख 48,374 रुपए ठगने के बाद कंपनी ने दफ्तर बंद कर दिया।
निवेशकों को जब दफ्तर में ताला देखा तो उन्हें ठगी का अहसास हुआ। निवेशक दिलचंद देवांगन पिता किशन देवांगन ने मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। उसकी रिपोर्ट पर पुलिस ने कंपनी के डायरेक्टर व धौलपुर के पूर्व विधायक बनवारी लाल कुशवाहा को गिरफ्तार किया था।
5 साल मामला कोर्ट में चला। मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट सर्व विजय अग्रवाल ने उसे मामले में दोषी पाया। 2012 में नरेश कुशवाहा हत्याकांड मामले में साल 2016 से कुशवाहा भरतपुर सेवर जेल में उम्रकैद की सजा काट रहा था। हाल ही में जमानत पर रिहा हुआ। जिला अभियोजन अधिकारी नंद कुमार पटेल ने बताया कि इस प्रकरण के आरोपी को किसी अन्य प्रकरण में 3 वर्ष से अधिक सजा के दंडनीय मामले में सजा सुनाई गई है तो उम्रकैद तक का सजा बढ़ सकती है।