मुंबई – स्थानीय शेयर बाजारों में मंगलवार को लगातार तीसरे दिन तेजी रही और बीएसई सेंसेक्स 52 अंक चढ़कर अपने अबतक के उच्चतम स्तर पर बंद हुआ. एनएसई निफ्टी भी नये शिखर 24,600 अंक के ऊपर पहुंच गया. दैनिक उपयोग का सामान बनाने वाली कंपनियों, दूरसंचार और चुनिंदा आईटी शेयरों में लिवाली तथा विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के पूंजी प्रवाह से बाजार में तेजी बनी रही.
तीस शेयरों पर आधारित सेंसेक्स 51.69 अंक यानी 0.06 प्रतिशत चढ़कर अपने अबतक के उच्चतम स्तर 80,716.55 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान यह 233.44 अंक यानी 0.28 प्रतिशत की बढ़त के साथ रिकॉर्ड 80,898.30 अंक तक गया था. नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 26.30 अंक यानी 0.11 प्रतिशत की तेजी के साथ नये शिखर 24,613 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान, यह 74.55 अंक यानी 0.30 प्रतिशत चढ़कर रिकॉर्ड 24,661.25 अंक तक गया था.
शेयर बाजार में शुरुआत अच्छी रही और दोनों मानक सूचकांक कारोबार के दौरान रिकॉर्ड ऊंचाई पर पहुंच गये थे. हालांकि, रिलायंस इंडस्ट्रीज और कोटक बैंक में नुकसान से लाभ सीमित हुआ और दोनों सूचकांक दिन के उच्चस्तर से नीचे आये. विश्लेषकों के अनुसार, सेंसेक्स और निफ्टी शुक्रवार से रिकॉर्ड तेजी पर हैं. इसका प्रमुख कारण विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) की लिवाली है. एफआईआई केंद्रीय बजट पेश होने से पहले भारतीय शेयरों में लिवाल बने हुए हैं. शेयरों के उच्च मूल्यांकन के बावजूद प्रमुख कंपनियों के तिमाही परिणाम उत्साहजनक रहने से भी बाजार को समर्थन मिला है.
दूसरी तरफ नुकसान में रहने वाले शेयरों में कोटक महिंद्रा बैंक, रिलायंस इंडस्ट्रीज, एनटीपीसी, अल्ट्राटेक सीमेंट और पावर ग्रिड शामिल हैं. सेंसेक्स के तीस शेयरों में 18 लाभ में जबकि 12 नुकसान में रहे. जियोजीत फाइनेंशियल र्सिवसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि घरेलू बाजार शुरुआती लाभ को कायम नहीं रख पाया. इसका कारण शेयरों का मौजूदा मूल्यांकन और चालू वित्त वर्ष के लिए कंपनियों के तिमाही परिणाम को लेकर उम्मीद हल्की होना है.
उन्होंने कहा, ”इस सप्ताह से विभिन्न कंपनियों के परिणाम आने शुरू हो जाएंगे. इसको देखते हुए निवेशक व्यापक खंडवार नजरिया रख सकते हैं.” छोटी कंपनियों के शेयरों का प्रतिनिधित्व करने वाला बीएसई स्मॉलकैप सूचकांक 0.32 प्रतिशत चढ़ा जबकि मझोली कंपनियों से जुड़ा मिडकैप सूचकांक 0.29 प्रतिशत नीचे आया.
शेयर बाजार के आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों ने सोमवार को 2,648.78 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर खरीदे. एशिया के अन्य बाजारों में दक्षिण कोरिया का कॉस्पी, जापान का निक्की और चीन का शंघाई कम्पोजिट लाभ में जबकि हांगकांग का हैंगसेंग नुकसान में रहा. अमेरिकी फेडरल रिजर्व के प्रमुख पावेल की उदार टिप्पणी से नीतिगत दर में सितंबर में कटौती की उम्मीद मजबूत हुई है.