गरियाबंद – जिले में समर्थन मूल्य में खरीदी किए गए धान का उठाव अंतिम पड़ाव में हैं. धान के उठाव होते ही खरीदी केंद्रों में हुए खेला से पर्दा भी उठने लगा है. जिले के 90 खरीदी केंद्र में लगभग 60 केंद्रों में 15000 से भी ज्यादा बोरा धान गायब हैं. 3100 रुपये के दर पर गायब धान की कीमत 2 करोड़ के आस पास हो रही है.
इससे पहले तक धान के वजन में शोर्टेज होता था,लेकिन पहली बार ऐसा हुआ है की इतनी मात्रा में धान के बोरे गायब मिले. हैरान करने वाली बात यह है कि ओडिशा सीमा से लगे धान खरीदी केंद्रों में गायब बोरो की मात्रा 200 से लेकर 700 तक की है. इन केंद्रों में बोगस खरीदी के आरोप शुरू से लग रहे थे. खरीदी की तारीख बढ़ी तो जिम्मेदार बोरो की मात्रा और तौल पत्रक जैसे फार्मिलिटी पूरी तो किए पर अंतिम चरण में प्रशासन की क्रोस चेकिंग, रकबा सरेंडर, सीमाओं पर धर पकड़ बढ़ने के कारण धान की मात्रा की पूर्ति नहीं कर सके.
मामले में सहकारी समितियों को नियंत्रित करने वाले सहायक पंजीयक उषा ध्रुव ने कहा की हमे तो इसकी जानकारी नहीं है,आप से पता चल रहा है. जांच कराने के बाद ही कुछ बोल सकते हैं. मार्कफेड के डीएमओ अमित चंद्राकर ने कहा की डीओ काटा गया है, मिलर उठाव कर रहे हैं, देरी के वजह त्योहार भी हो सकता है. गायब बोरे के संबंध में मुझे कोई जानकारी नहीं है.