कांग्रेस नेता राहुल गांधी शाजापुर जिले के कालापीपल विधानसभा क्षेत्र के पोलायकला में प्रदेश की भाजपा सरकार को भ्रष्टाचार के मुद्दे पर घेरा। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश देश में भ्रष्टाचार का एपिसेंटर है।
राहुल ने कहा- विचारधारा की लड़ाई है, एक तरफ गांधी जी और दूसरी तरफ गोड़से
राहुल ने कहा कि आप किसान हैं। आप लोग यहां सोयाबीन उगाते हैं। किसानों ने हमें बताया कि सरकार यहां उचित दाम नहीं देती है। छत्तीसगढ़ में किसानों से पूछिए तो पता चलेगा कि धान के लिए हम किसानों को कितना पैसा देते हैं। हमने हर वायदा पूरा किया। मध्य प्रदेश, कर्नाटक, छत्तीसगढ़ समेत हर राज्य में किसानों की कर्ज माफी की थी। कमलनाथ जी किसानों का कर्ज माफ कर रहे थे। यहां बीजेपी वालों ने आपको धोखा देकर सरकार चुरा ली। पिछले 18 साल में यहां 18 हजार किसानों ने आत्महत्या की है। हर रोज तीन किसान यहां मरते हैं। यहां इनकी सरकार है। यह लोग चुने हुए लोगों के लिए काम करते हैं। हिंदुस्तान के इतिहास में पहली बार किसान टैक्स दे रह है। इन्होंने किसानों को दबाने, खत्म करने के काले कानून लाए। हिंदुस्तान के सारे किसान एकजुट होकर इनके खिलाफ खड़े हो गए। नरेंद्र मोदी जी कहते हैं कि किसानों के फायदे के लिए यह कानून लाए हैं। जब उनके फायदे का है तो किसान सड़क पर क्यों उतरे हैं। नरेंद्र मोदी कहना चाहते थे कि किसानों को कोई समझ नहीं है। हिंदुस्तान के दो-तीन अरबपति, अदाणी जी किसान को फायदा पहुंचाने के लिए काम करते हैं। आप कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, हिमाचल जाइए, वहां हमारी सरकारें गरीबों के लिए काम करती है। कर्नाटक में हमने किसानों, महिलाओं, गरीबों के लिए पांच गारंटी दी। कर्नाटक की महिलाएं बस में जाने के लिए एक रुपया नहीं देती है। कहीं भी जाना हो, फ्री में जाती हैं। हर महीने उनके बैंक खातों में सरकार सीधे पैसा देती है। छत्तीसगढ़ में किसानों का कर्ज माफ किया। किसानों को सही दाम दिलवाते हैं। राजस्थान में मुफ्त में दवा मिलती है। 15 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज होता है। हार्ट सर्जरी करानी हो तो वह फ्री में होती है। सरकार जनता के लिए होनी चाहिए, किसी संगठन या एक-दो उद्योगपतियों के लिए नहीं चलनी चाहिए। ऐसी ही सरकार हम यहां मध्य प्रदेश में चलाना चाहते हैं।
राहुल गांधी ने आरोप लगाया कि मैंने संसद में जैसे ही अदाणी जी की बात शुरू की। वैसे ही मेरी लोकसभा सदस्यता खत्म कर दी। आप सोचिए, अदाणी की रक्षा करने के लिए एकदम मेरी लोकसभा की सदस्यता को कैंसल कर दिया। मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता। मैं सच्चाई बोलता हूं। देश के सामने अदाणी जी एक सच्चाई है। पोर्ट्स देख लीजिए, एयरपोर्ट्स देख लीजिए, इंफ्रास्ट्रक्चर देख लीजिए, हर जगह आपको अदाणी जी दिखाई देंगे। अदाणी जी किसानों की जेब से रोज आपका पैसा निकालते हैं। इंफ्रास्ट्रक्चर, डीजल, फर्टिलाइजर में आपका पैसा निकलता है और इन दो उद्योगपतियों के पास जाता है। मीडिया वालों की बात की। वह लोग मोदी जी का चेहरा 24 घंटे दिखाएंगे। हमें नहीं दिखाएंगे। ऐस क्यों? इनका रिमोट कंट्रोल अदाणी जी के हाथ में है। सच्चाई अदाणी जी से बड़ी है।
महिला आरक्षण में ओबीसी आरक्षण क्यों नहीं रखा?
राहुल ने महिला आरक्षण के मुद्दे पर भी मोदी सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि कुछ दिन पहले भाजपा ने महिला आरक्षण की बात की। हमने एक सवाल उठाया। भाजपा ने कोई जवाब नहीं दिया। हमने पहले कहा कि महिला आरक्षण अच्छा है लेकिन इसमें आपने दो छोटी लाइनें लिख रखी है। इन्हें मिटाइए। एक लाइन थी- महिला आरक्षण से पहले सर्वे करने की जरूरत है। दूसरी लाइन थी- महिला आरक्षण करने से पहले हमें जो परिसीमन करना है। इससे महिला आरक्षण दस साल बाद होगा। आज नहीं होगा। हमने कहा कि यह दो लाइन बदलिए। हमने सवाल पूछा कि महिला आरक्षण में ओबीसी आरक्षण क्यों नहीं है? नरेंद्र मोदी जी आप कहते हैं कि आप ओबीसी नेता हैं। ओबीसी के लिए काम करते हैं। आपने महिला आरक्षण में ओबीसी आरक्षण क्यों नहीं किया? आंकड़ों ने मुझे हैरान कर दिया। नरेंद्र मोदी कहते हैं कि बीजेपी में ओबीसी के विधायक और सांसद है। सबसे पहले कांग्रेस की चार सरकारें हैं और इसमें तीन मुख्यमंत्री ओबीसी है। दूसरी बात, संसद या विधानसभा में जाकर भाजपा के सांसद-विधायक से पूछ लीजिए कि कानून बनाते समय क्या आपसे पूछा जाता है क्या? कानून भाजपा के एमएलए-एमपी नहीं, आरएसएस वाले और अफसर बनाते हैं।
90 अफसर देश चलाते हैं, उनमें सिर्फ तीन ओबीसी के
राहुल ने कहा कि हिंदुस्तान को 90 अफसर चलाते हैं। कैबिनेट सचिव, और भारत सरकार के सचिव हिंदुस्तान की सरकार को चलताे हैं। यह लोग कानून बनाते हैं। कितना पैसा कहां जाना है, यह तय करते हैं। बीजेपी की दस साल से सरकार है। ओबीसी की आबादी कितनी है, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। जातिगत जनगणना नहीं हुई है। ओबीसी की आबादी हिंदुस्तान में लगभग 50 प्रतिशत है। 90 अफसरों में सिर्फ तीन अफसर ओबीसी के हैं। दो-तीन साल पहले देखते तो हिंदुस्तान की सरकार में 90 में से शून्य अफसर ओबीसी से थे। यह देश की सच्चाई है। नरेंद्र मोदी जी ओबीसी के लिए, दलितों, आदिवासियों के लिए काम नहीं करते हैं। आपका ध्यान इधर-उधर करते हैं। हिंदुस्तान का बजट लाखों करोड़ों का है। यह तीन ओबीसी अफसर इनकी भागीदारी बजट में कितनी है? यह कितने रुपये पर निर्णय लेते हैं? तकरीबन 43 लाख करोड़ रुपये का बजट है। किसी को पता ही नहीं है। सच्चाई यह है कि हिंदुस्तान के पूरे बजट में पांच प्रतिशत की भागीदारी ओबीसी के अफसरों के हाथ में है। सही में मोदी ओबीसी के लिए काम करते हैं तो 90 अफसरों में उनकी संख्या तीन क्यों है? ओबीसी की जेब से पैसा चोरी हो रहा है।