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राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता होगी रद्द? मंडरा रहा खतरा, जानें वह नियम, जिसे लेकर BJP है कांग्रेस पर हमलावर

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भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने भी स्पीकर ओम बिड़ला से राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता भंग करने की मांग की है, जबकि उनके खिलाफ देशद्रोह सहित किसी भी संभावित आपराधिक कार्रवाई के कयास लगाए जा रहे हैं. झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद ने विशेषाधिकार समिति के समक्ष तर्क दिया कि राहुल ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर अपने बयान के दौरान तीन विशेषाधिकारों का उल्लंघन किया.

नई दिल्ली – ब्रिटेन में एक कार्यक्रम के दौरान ‘भारत में लोकतंत्र पर क्रूर हमला’ वाले बयान के लिए राहुल गांधी पर अपना हमला तेज करते हुए केंद्रीय मंत्रियों सहित भाजपा नेताओं ने कांग्रेस नेता से माफी की मांग करते हुए जोर देकर कहा कि वह ‘संसद से ऊपर नहीं’ हैं. उन्होंने आरोप लगाया है कि राहुल गांधी ने यह कहकर विदेशी धरती से देश का अपमान किया है कि अमेरिका और यूरोपीय देश इस बात से बेखबर हैं कि भारत के लोकतांत्रिक मॉडल का एक बड़ा हिस्सा अब पूर्ववत नहीं रह गया है.

केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल, किरेन रिजिजू, अनुराग ठाकुर, गिरिराज सिंह और राजीव चंद्रशेखर, और भाजपा प्रवक्ता रविशंकर प्रसाद ने राहुल गांधी पर लंदन में भारत के बारे में ‘झूठ’ बोलने का आरोप लगाया और गुस्सा व्यक्त किया कि कांग्रेस नेता ने अपने कार्यों के लिए कोई पछतावा नहीं दिखाया. विदेशी धरती पर भारत के लोकतंत्र को लेकर उनकी इस टिप्पणी ने संसद को हंगामेदार बना दिया है. बजट सत्र के दूसरे चरण के पहले चार दिनों में राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही नहीं चल सकी है.

भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने भी स्पीकर ओम बिड़ला से राहुल गांधी की लोकसभा सदस्यता भंग करने की मांग की है, जबकि उनके खिलाफ देशद्रोह सहित किसी भी संभावित आपराधिक कार्रवाई के कयास लगाए जा रहे हैं. झारखंड के गोड्डा से भाजपा सांसद ने विशेषाधिकार समिति के समक्ष तर्क दिया कि राहुल ने राष्ट्रपति के अभिभाषण के धन्यवाद प्रस्ताव पर अपने बयान के दौरान तीन विशेषाधिकारों का उल्लंघन किया. उन्होंने राहुल गांधी पर लोकसभा अध्यक्ष को सूचित किए बिना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ निराधार, बदनामीपूर्ण और असंसदीय दावे करके नियम 352 के उल्लंघन का अरोप लगाया. आइए जानते हैं इस संबंध में नियम क्या कहते हैं…

नियम 352 क्या है, जिसका तर्क निशिकांत दुबे ने विशेषाधिकार समिति के समक्ष दिया

संसदीय नियमावली के रूल 352 (2) के तहत, एक सांसद केवल लोकसभा अध्यक्ष को पूर्व सूचना देकर और उनकी अनुमति से ही सदन के किसी अन्य सदस्य के बारे में टिप्पणी कर सकता है. निशिकांत दुबे का तर्क है कि राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी पर टिप्पणी कर इस नियम को तोड़ा है. भाजपा सांसद ने विशेषाधिकार समिति के समक्ष 1976 की घटना को उठाया, जिसमें सुब्रमण्यम स्वामी को राज्यसभा से बाहर कर दिया गया था, क्योंकि उन्होंने सभापति को पूर्व सूचित किए बिना और उनकी अनुमति लिए बिना, प्रधानमंत्री के खिलाफ आरोप लगाए गए थे. निशिकांत दुबे ने विशेषाधिकार समिति के सामने जो तीसरा तर्क दिया है, वह है कि राहुल गांधी के भाषण को लोकसभा अध्यक्ष ने संसद की कार्यवाही के रिकॉर्ड से हटा दिया था. लेकिन ट्विटर और यूट्यूब पर राहुल गांधी के हैंडल में संसद की कार्यवाही से हटाई गई उनकी टिप्पणियां अब भी मौजूद हैं. भाजपा सांसद के मुताबिक, राहुल गांधी का यह कृत्य सदन के स्पीकर के अधिकार और विवेक का उल्लंघन करता है.