रायपुर – कांग्रेस सरकार के मंत्रियों और विधायकों ने आज राजभवन पहुंचकर नए राज्यपाल विश्व भूषण हरिचंदन से मुलाकात कर लंबित आरक्षण संसोधन विधेयक पर चर्चा की। राजभवन से बाहर आने के बाद आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने कहा कि आरक्षण संशोधन विधेयक को लेकर राज्यपाल के साथ चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि नए राज्यपाल भी राजनीतिक दबाव में है। राज्यपाल से हमें ठोस आश्वासन नहीं मिला।
कवासी लखमा के इस बयान को लेकर पूर्व CM डॉ। रमन सिंह ने पलटवार कर रहते हुए कहा कि राज्यपाल सर्वोच्च पद होता है, संविधानिक पद होता है। राज्यपाल नियम कायदे कानून से काम करते हैं, राज्य सरकार के निर्देश पर नहीं। विधि विशेषज्ञों की राय लेकर वह अपनी बात करते हैं। इस प्रकार की राजनीतिक टिप्पणी राज्यपाल पर किया जाना छत्तीसगढ़ में ही देखने को मिलता है। राज्य सरकार के मंशा अनुरुप गवर्नर नहीं चलेंगे। सरकार दबाव डालेगी तो नहीं होगा।
वो इंग्लिश ज्यादा बोलते है…
उन्होंने कहा की समीक्षा कर रहे हैं, देख लेंगे, कर लेंगे। इस प्रकार की बातें हुई। उन्होंने गंभीर बात की, हमें बैठाया, बढ़िया बात की लेकिन ज्यादा इंग्लिश बोलते हैं। सोरी जी कलेक्टर रहे हैं, उन्होंने बात की, विनय जायसवाल इन लोग ज्यादा बात किए, मैनें थोड़ा सा बात किया।
हस्ताक्षर करने आग्रह
मंत्री लखमा ने कहा कि, उनकी बातों में राजनीतिक गुण लग रहा था। राज्यपाल महोदय राजनीतिक दबाव में लग रहे थे। राज्यपाल संवैधानिक पद है, हम सभी ने कहा आप हमारे आदिवासी वर्ग, पिछड़ा वर्ग और अनुसूचित जाति के संरक्षक हो। हमने उनसे कहा कि नया आरक्षण बिल विधानसभा में सर्वसम्मति से पारित हुआ है। उसमें आप हस्ताक्षर करेंगे तो जो बच्चे हैं, पुलिस, हॉस्पिटल, शिक्षक जैसे कई भर्ती रुकी हुई है इन सब में आपका सहयोग होगा।