हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के सामने आने के बाद से अडानी की कुल संपत्ति में क़रीब 75 अरब डॉलर की गिरावट आई है।
Hindenburg Effect – अमेरिकी फर्म हिंंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट (Hindenburg Report) के सामने आने के बाद अडानी ग्रुप काफी चर्चा में रहा है। 24 जनवरी को इस रिपोर्ट के आने के बाद से अडानी ग्रुप के शेयरों में लगातार गिरावट हो रही है। अमेरिकी रिसर्च एजेंसी हिंडनबर्ग ने एक रिपोर्ट जारी कर अडानी समूह पर धोखाधड़ी और स्टॉक मैनिप्यूलेशन के आरोप लगाए थे।
ये रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप के निवेशकों में खलबली मच गई और शेयरों में भारी गिरावट देखी गयी। एक रिपोर्ट के मुताबिक अमीरों की लिस्ट में अडानी का नाम टॉप 25 स्थान पर कहीं नहीं हैं। अब इस रिपोर्ट के पब्लिश हुए एक महीना हो गया है और अडानी के शेयर भी इस दौरान गिरते-गिरते उसी लेवल पर आ गए है, जैसा कि रिपोर्ट में दावा किया गया था।
हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के सामने आने के बाद से अडानी की कुल संपत्ति में क़रीब 75 अरब डॉलर की गिरावट आई है।
अब किस हालत में है अडानी समूह ?
अमेरिकी रिसर्च एजेंसी हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के सामने आने के बाद अडानी समूह ने इसे एक साजिश बताया था हालांकि जैसा रिपोर्ट में कहा गया था अब अडानी समूह उस ही दौर से गुजरता हुआ दिखाई दे रहा है। अडानी समूह के तीन शेयरों में इस एक महीने के भीतर भारी गिरावट दर्ज हुई है। इ इनमें अडानी टोटल गैस, अडानी ग्रीन एनर्जी और अडानी ट्रांसमिशन शामिल हैं।
अडानी टोटल गैस को मार्केट मार्केट वैल्यू में 3.44 लाख करोड़ रुपए का नुकसान हुआ है। इन तीनों शेयरों में 24 जनवरी के बाद से लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है।
अडानी ट्रांसमिशन का 2.28 लाख करोड़ रुपये और ग्रीन एनर्जी का 2.26 लाख करोड़ का घाटा हुआ है। अदानी ट्रांसमिशन का 2.28 लाख करोड़ रुपये और अदानी ग्रीन एनर्जी का 2.26 लाख करोड़ रुपये कम हुआ है। एक अन्य रिपोर्ट के मुताबिक इस साल की शुरूआत में अडानी कंपनियों का कुल बाज़ार मूल्य क़रीब 20 ट्रिलियन था जो अब घटकर 7.6 ट्रिलियन रह गया है।