रायपुर – प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने छत्तीसगढ़ में कोयला ढुलाई में अवैध वसूली से जुड़े मामले में अब तक की बड़ी कार्रवाई की है। इस बड़े घोटाले में गिरफ्तार दो आरोपियों पर बड़ी कार्रवाई की गई है। छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के कार्यालय की उपसचिव सौम्या चौरसिया और कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवासी की 17.48 करोड़ की बेनामी संपत्ति को कुर्क की है।
पीएमएलए के तहत कुर्की का आदेश
ईडी के एक बयान के मुताबिक, पहले की कुल 51 संपत्तियों में से 7.57 को रुपए की आठ बेनामी संपत्तियों पर चौरसिया का स्वामित्व है और बाकी 43 संपत्तियों पर सूर्यकांत तिवारी का लाभकारी कब्जा है। बता दें कि ईडी ने पिछले दो आरोपियों और कुछ अन्य लोगों की संपत्ति जन शोधन रोकथाम अधिनियम (पीएमएलए) के तहत कुर्क करने का आदेश जारी किया था। अब आज की कार्रवाई के बाद कुर्क की गई कुल संपत्तियों की कीमत करीब 170 करोड़ रुपए हो गई है।
ये आरोपी है जेल में
इस मामले में आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई, कोयला व्यापारी सुनील अग्रवाल, लक्ष्मीकांत तिवारी और सूर्यकांत तिवारी जेल में हैं। ईडी ने सौम्या चौरसिया को भी कई बार पूछताछ के लिए बुलाया था। इसके बाद दो दिसंबर 2022 को उनकी गिरफ्तारी हुई है थी। आयकर विभाग की एक शिकायत का संज्ञान लेने के बाद ईडी ने धनशोधन जांच शुरू की थी। ईडी ने अपनी जांच के तहत अक्टूबर में राज्य के कई शहरों में छापेमारी की थी। इसके बाद आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई, कोयला व्यापारी सूर्यकांत तिवारी, उनके चाचा लक्ष्मीकांत तिवारी और एक अन्य कोयला व्यवसायी सुनील अग्रवाल को गिरफ्तार किया गया था।
ईडी ने विशेष अदालत में किया अभियोजन परिवाद पेश
ईडी ने राज्य में कथित कोयला लेवी घोटाले से जुड़े धनशोधन के मामले में नौ दिसंबर को रायपुर की विशेष अदालत में एक अभियोजन परिवाद पेश किया था। इस मामले में भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) के अधिकारी विश्नोई और तीन अन्य लोगों को आरोपी बनाया गया है। ईडी ने परिवाद में उल्लेख किया है कि वरिष्ठ अधिकारियों, व्यापारियों, राजनेताओं और बिचौलियों के संगठित समूह की ओर से राज्य में कोयला ढुलाई के लिए 25 रुपये प्रति टन की अवैध उगाही की जा रही थी।